‘हुड्डा कांग्रेस’ लड़ रही थी चुनाव, सो हार गई! बापू-बेटे पर अपनी ही पार्टी के नेता लगा रहे आरोप
हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए कांग्रेस का एक वर्ग भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहरा रहा है. कई राज्यों की कांग्रेस इकाइयों ने तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा पर अपने निर्णय को थोपने का भी आरोप लगाया है.
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View In Appभाजपा नेता योगेंद्र सिंह राणा से असंध विधानसभा सीट हारे पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने हुड्डा पिता-पुत्र पर आरोप लगाया है. जोगी ने कहा कि कांग्रेस हारती नहीं, लेकिन चुनाव तो ‘हुड्डा कांग्रेस’ लड़ रही थी और वह हार गए. उन्होंने किसी को विश्वास में नहीं लिया.
गोगी ने कहा कि हुड्डा ने पार्टी के अंदर संवादहीनता पैदा की थी. अगर चुनाव सही तरीके से लड़े जाते तो इस बार कांग्रेस की सरकार बनती, लेकिन हार की पूरी जिम्मेदारी बापू-बेटे की है.
अंबाला कैंट से चुनाव हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार परविंदर पाल पारी ने भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को लेकर कहा कि उन्होंने एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन किया और उनके खिलाफ साजिश रची.
पारी सैलजा गुट से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि यह हार कांग्रेस की नहीं बल्कि B-D (भूपेंद्र और दीपेंद्र) गैंग की हार है. पारी ने कहा की यह लोग पार्टी एकता की बजाय अपने एजेंडा को बढ़ावा देने में लगे थे.
पारी ने कहा कि नतीजों का विश्लेषण किया जाए तो यह पता चलता है कि कांग्रेस को 12 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की मौजूदगी के कारण नुकसान उठाना पड़ा, इन निर्दलीयों में से ज्यादातर वह थे जो पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने चले गए थे.
चुनाव में तीन विधानसभा सीटों पर निर्दलीयों ने चुनाव जीता है. वहीं 7 सीटों पर वह दूसरे स्थान पर रहे और 30 सीटों पर तीसरे स्थान पर रहे. 7 सीटों में जो दूसरे स्थान पर रहे उनमें से चार तो कांग्रेस के बागी थे. 30 सीटों पर तीसरे स्थान पर रहे 12 में कांग्रेस उम्मीदवार की हार का अंतर निर्दलीय उम्मीदवार को मिले वोटो से कम था.
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