Haryana Elections 2024: AAP का वो प्लान, जिससे बिगड़ जाएगा हरियाणा में कांग्रेस का पूरा समीकरण, जानें क्या करने वाले हैं केजरीवाल
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले AAP और कांग्रेस को साथ लाने की कोशिश उल्टी पड़ गई है. दोनों ही पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई. एक तरफ AAP बड़ी संख्या में सीटें चाहती है तो वहीं कांग्रेस भी उन खास सीटों को छोड़ना नहीं चाहती. यही कारण रहा की सीट बंटवारे की बातचीत उम्मीद के मुताबिक आगे नहीं बढ़ पाई. अब सवाल ये है कि AAP के अकेले चुनाव लड़ने के कारण क्या कांग्रेस का गेम प्लान बिगड़ सकता है?
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View In Appहाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद ही शानदार रहा, जिसको लेकर पार्टी उत्साहित है, लेकिन 2019 में AAP का प्रदर्शन खराब रहा. 2019 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 46 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें से एक भी सीट वह हासिल नहीं कर पाई थी. पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले थे.
आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में भले ही कुरुक्षेत्र सीट न जीत पाई हो, लेकिन कलायत, पेहोवा, गुहला और शाहाबाद में अच्छे प्रदर्शन के बाद पार्टी का मनोबल बढ़ा है. यही कारण है की पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के दौरान 9 से 10 विधानसभा क्षेत्र की मांग की थी.
हरियाणा के ऐसे 9 जिले है जहां पर AAP कांग्रेस को टक्कर दे सकती है. इन नौ जिलों में 34 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. यह जिले दिल्ली और पंजाब की सीमा से सटे हैं. सोनीपत और गुरुग्राम दिल्ली की ओर हैं, जबकि अंबाला, पंचकूला, जींद, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, कैथल और सिरसा पंजाब की सीमा पर लगते हैं. यह सात ऐसे जिले हैं, जहां पर सिखों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है.
वहीं जब कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की बातचीत शुरू हुई तो आप हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की बजाय सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की बात कही. जिस तरह से आम आदमी पार्टी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रही है. वह कांग्रेस के लिए सिर दर्द भी बन सकती है.
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि आम आदमी पार्टी न केवल भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित करेगी बल्कि कांग्रेस के मूल वोटो को भी विभाजित कर देगी. न केवल वोट विभाजन बल्कि केजरीवाल की जेल से रिहाई भी कांग्रेस को परेशान कर रही है. इसे लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि आम आदमी पार्टी केवल वहीं चुनाव लड़ती है, जहां कांग्रेस या तो मजबूत होती है या सत्ता में होती है.
दूसरी तरफ आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी कांग्रेस और भाजपा को चेतावनी दे दी है कि वह आम आदमी पार्टी को कमतर न आंके. चड्ढा बोले कि अब अरविंद केजरीवाल हरियाणा में चुनावी अभियान का नेतृत्व करेंगे, क्योंकि पारंपरिक राजनीतिक दलों से जनता थक चुकी है और विकल्प की तलाश कर रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस्तीफे के बाद अब अरविंद केजरीवाल हरियाणा पर ज्यादा ध्यान देंगे.
जेल से रिहा होने के बाद अब अरविंद केजरीवाल हरियाणा की जनता से भावनात्मक अपील कर रहे हैं और खुद को हरियाणा का बेटा बता रहे हैं. केजरीवाल खुद अपनी पत्नी के साथ हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में घर-घर जाकर चुनावी प्रचार कर रहे हैं.
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