Chandrashekhar Azad: चंद्रशेखर आजाद की जीत ने क्यों बढ़ा दी अखिलेश यादव-बीजेपी की टेंशन? पलट जाएगा यूपी विधानसभा चुनाव 2027 का गणित
यूपी के चुनावी रण में सपा और कांग्रेस ने एक साथ आकर बीजेपी की परेशानी तो बढ़ाई. साथ ही अन्य दलों के उम्मीदवारों ने भी मैदान मारा है. इन्हीं में से आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद हैं.
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View In Appचंद्रशेखर आजाद ने नगीना लोकसभा सीट से पहली बार जीत दर्ज की है. उनकी इस जीत ने बीजेपी के साथ-साथ सपा और बसपा की नींद भी उड़ा दी है, क्योंकि तीन साल के बाद 2027 में यूपी में विधानसभा चुनाव भी होने हैं.
दरअसल, आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की जीत पर नजर डालें तो उन्होंने नगीना लोकसभा सीट में आने वाली सभी विधानसभा सीटों पर शानदार प्रदर्शन किया है.
नगीना लोकसभा सीट में आने वाली नगीना, धामपुर, नहटौर, नूरपुर और नजीजाबाद विधानसभा में शानदार लीड के साथ जीत दर्ज की.
नगीना विधानसभा सीट में आसपा को 1,12, 518 वोट और बीजेपी को 68, 880 वोट मिले. असपा की जीत का अंतर 43 हजार से अधिक है. इसके अलावा धामपुर विधानसभा सीट में आसपा- 90,518 और बीजेपी- 73,680 वोट मिले. जीत का अंतर- 16 हजार से अधिक है.
नहटौर विधानसभा सीट में आसपा- 1,03, 544 और बीजेपी- 72,520 मत मिले. जीत का अंतर- 31 हजार से अधिक है. नूरपुर विधानसभा सीट पर आसपा- 1,02, 691 वोट मिले और बीजेपी- 75,728 मत मिले. जीत का अंतर- 30 हजार से अधिक है.
नूरपुर विधानसभा सीट में आसपा- 1,02, 691 और बीजेपी- 75,728 को वोट मिले. जीत का अंतर- 30 हजार से अधिक मत मिले. नजीबाबाद विधानसभा सीट पर आसपा- 1,02, 541 और बीजेपी- 68,943 मत मिले हैं. वहीं, जीत का अंतर- 33 हजार से अधिक वोट मिले. इसी तरह से यूपी विधानसभा की एससी-एसटी के लिए आरक्षित सीटों पर अगर आजाद समाज पार्टी नगीना जैसा प्रदर्शन दोहराती है तो इसका सीधा असर अखिलेश यादव और बीजेपी पर पड़ेगा.
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