JK Elections: आजादी चाचा से लेकर इंजीनियर राशिद तक, ये अलगाववादी नेता चुनाव में आजमा रहे अपनी किस्मत
जम्मू कश्मीर के चुनाव पूरा हो चुका है अब इंतजार है तो बस परिणाम का, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि जम्मू कश्मीर में जेल में बंद अलगाववादी नेता और प्रतिबंधित जमात इस्लामी संगठन के 10 उम्मीदवारों ने भी चुनाव लड़ा है.
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View In Appअब आपको बताते हैं कि वह पांच अलगाववादी नेता कौन हैं, जिन्होंने जम्मू कश्मीर से चुनाव लड़ा है. इनमें सबसे पहला नाम है उस्मान मजीद का. बांदीपोरा से ताल्लुक रखने वाले मजीद एक पूर्व अलगाववादी है. इस विधानसभा चुनाव से पहले यह 6 चुनाव में हिस्सा ले चुकें है, जिसमें से दो में उसकी जीत भी हुई है.
दूसरे नंबर पर है गुलजार अहमद डार. यह भी हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान चला गया था. 1994 में आत्मसमर्पण किया और इस विधानसभा चुनाव में इसने कुलगाम के दमहल हांजी पोरा विधानसभा सीट से पीडीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा.
तीसरे नंबर पर है सैफुद्दीन भट्ट. खानसाहिब विधानसभा सीट से नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार सैफुद्दीन भट्ट का इतिहास बेहद विवादास्पद रहा है. 2008 और 2014 में सैफुद्दीन पीडीपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है और इस बार खानसाहिब विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा है
चौथे नंबर पर है आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार शेख फिदा हुसैन जो कुलगाम के देवसर से चुनाव लड़ रहा है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक शेख फिदा हुसैन पूर्व पुलिस कांस्टेबल रहा है, जिसे एक आतंकवादी के साथ मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया गया था और फिर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.
पांचवें नंबर पर है मोहम्मद फारूक खान उर्फ सैफुल्लाह. यह पूर्व अलगाववादी है, जो 1989 में हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान चला गया था. 2018 में सैफुल्लाह ने भाजपा के टिकट से श्रीनगर नगर निगम का चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा और इस बार उसने हब्बा कदल निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा.
अब आपको बताते हैं उन अलगाववादी नेताओं के बारे में जो जेल में बंद है मगर चुनाव लड़ रहे हैं. सबसे पहले हैं जफर हबीब डार, जो तहरीक ए हुर्रियत के पूर्व कार्यकर्ता है. 2008 में इन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. रिहाई के बाद पूरी तरह से राजनीति में एक्टिव हो गए.
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद होने के बावजूद भी इंजीनियर रशीद का नाम मशहूर है. लोकसभा चुनाव में इंजीनियर रशीद के बेटे अब्दुल रशीद ने इनका चुनाव प्रचार किया और उत्तरी कश्मीर की बारामूला सीट से यह लोकसभा चुनाव भी जीते.
जेल में बंद कश्मीरी अलगाववादी नेता और मौलवी सर्जन अहमद वागे, आजादी चाचा और कश्मीर के पाइड पाइपर के नाम से मशहूर है. इस विधानसभा चुनाव में इन्होंने गांदेरबल की बीरवाह सीट से चुनाव लड़ा है.
उत्तरी कश्मीर के तुज्जर शरीफ के रहने वाले शोएब मोहम्मद शेख को एक अलगाववादी संगठन के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. इन्होंने हाल ही में जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ा.
प्रतिबंधित जमात संगठन ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, कुलगाम, जैनापोरा और देवसर के साथ-साथ बीरवाह, लंगेट, बांदीपोरा, सोपोर और रफियाबाद सहित दस निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार भी उतरे हैं.
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