'यदि राहुल गांधी 370 बहाली का करें वादा तो…', इंजीनियर राशिद ने कांग्रेस के सामने रख दी बड़ी शर्त
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार में बारामूला के सांसद शेख अब्दुल राशिद के शामिल होने से घाटी में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. इंजीनियर राशिद 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर है, जिन्होंने अपनी आवामी इत्तेहाद पार्टी के 34 उम्मीदवारों को निर्दलीय तौर पर मैदान में उतारा है और जमाते इस्लामी के साथ रणनीतिक गठबंधन बनाया है
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View In Appइंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान इंजीनियर राशिद ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में आए बदलावों और चुनाव प्रचार को लेकर बातें की. वह बोले कि यदि राहुल गांधी अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा करते हैं तो वह उनका साथ देंगे.
इंजीनियर राशिद ने कहा कि 370 निरस्त होने के बाद लोग चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए बेहद उत्सुक है, लेकिन यह नरेंद्र मोदी के नए कश्मीर की वजह से नहीं है बल्कि इसलिए है क्योंकि यहां के लोग खुद को दबा हुआ महसूस करते हैं.
इंजीनियर राशिद का कहना है कि फारूक अब्दुल्ला ने भी यह कहा था कि वह अनुच्छेद 370 को वापस लाने के लिए गांधीवादी तरीके का इस्तेमाल करेंगे, लेकिन ना तो उन्होंने कोई भूख हड़ताल की ना ही उन्होंने एक भी दिन शांतिपूर्वक हड़ताल करने के लिए किसी से कहा. न ही वह हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी को इसका विकल्प दे सके.
इंजीनियर राशिद ने कहा कि घाटी के नेताओं को सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना चाहिए था अनुच्छेद 370 एक राजनीतिक मुद्दा था, लेकिन इसे कानूनी बना दिया गया. राजनेताओं का खेल का मैदान सड़क है अदालत नहीं.
इंजीनियर राशिद बोले कि वह किसी के भी पार्टी के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं. यदि उनके पास कोई रोडमैप हो. अगर राहुल गांधी उनसे वादा करते हैं कि सत्ता में आने के 50 साल बाद भी वह अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए एक विधेयक लाएंगे तो मैं उसका पालन करूंगा.
जब उनसे यह पूछा गया कि शेख रशीद का रोड मैप क्या है तो उन्होंने कहा कि उनका रोड मैप प्रतिबद्धता और ईमानदारी है. उन्होंने कहा कि 11 साल तक विधायक रहते हुए उन्होंने अपने लोगों को बचाया. उनका रोड मैप यह है कि वह इस लड़ाई को कश्मीर से बाहर निकाल कर दिल्ली तक ले जाना चाहते हैं.
शेख राशिद ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लेकर कहा कि उमर साहब या मैडम (महबूबा मुफ्ती) को कश्मीर में “दिल्ली के लोग” के रूप में देखा जाता है. मैं एक कश्मीरी हूं जो दिल्ली में कश्मीर का प्रतिनिधित्व करता है. इंजीनियर राशिद से यह पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस या फिर पीडीपी के साथ गठबंधन करेंगे तो उन्होंने कहा कि सरकार गठन एक बहुत ही छोटा मुद्दा है. उनके लिए बड़ा मुद्दा कश्मीर के मुद्दे का समाधान है. सरकार गठन 8 अक्टूबर के बाद देखा जाएगा.
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