Karnataka By Elections: अपने बच्चों को विधायक बनाने में जुटे ये दिग्गज, तीन सीटों का उपचुनाव सबको दे रहा टेंशन
बेंगलुरु जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों चन्नापटना, शिगगांव और संदूर में उपचुनाव होने वाले हैं, लेकिन इन सब के बीच वंशवाद का मुद्दा एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. यह मुद्दा तीन प्रमुख दलों से जुड़ा हुआ है, जिसमें जीडी (एस), भाजपा और कांग्रेसी शामिल हैं, क्योंकि तीनों ही पार्टियों के पास एक- एक सीट है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appजिन विधायकों ने लोकसभा चुनाव में लड़ने के लिए इन विधानसभा सीटों को छोड़ दिया था, वह अपने बच्चों के लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व को मनाना मुश्किल हो गया है.
उपचुनाव को लेकर भाजपा की राज्य कोर कमेटी अगले सोमवार को तीन सीटों, दक्षिण कन्नड़ और उडुपी स्थानीय प्राधिकरण के विधान परिषद सीट के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए बैठक करने वाली है. ये सीट मौजूदा MLC कोटा श्रीनिवास पुजारी के उडुपी चिकमंगलूर लोकसभा सीट जीतने के बाद खाली हुई है.
तीनों निर्वाचन क्षेत्र में से चन्नापटना सबसे ज्यादा हाई प्रोफाइल सीट है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मांड्या लोकसभा सीट जीतने से पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व किया हुआ है. अब वह चाहते हैं कि इस पर उनके बेटे निखिल को जेडीएस से टिकट मिले. हालांकि, भाजपा के स्थानीय और कद्दावर नेता सीपी योगेश्वर भी इस सीट के लिए बड़े दावेदार बनकर सामने आए हैं, जो पांच बार से इसी सीट पर जीतते हैं, लेकिन 2023 में एचडी कुमारस्वामी से हार गए थे. बड़ी बात तो ये है कि योगेश्वर ने एनडीए से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने और कांग्रेस में शामिल होने की भी धमकी दी थी.
कुमारस्वामी निखिल को मैदान में उतरना चाहते हैं, लेकिन निखिल के रिकॉर्ड को देखते हुए जेडीएस थिंक टैंक का मानना है कि उनको मैदान में न उतारा जाए. निखिल 2023 में रामनगर विधानसभा सीट और 2019 में मांड्या लोकसभा सीट से हार गए थे. वहीं चन्नापटना सीट को लेकर जेडीएस के MLC के टिप्पेस्वामी का कहना है कि चन्नापटना जेडीएस की सीट है इसलिए एनडीए के उम्मीदवार को जेडीएस के चुनाव चिन्ह पर ही चुनाव लड़ना होगा.
वहीं शिगगांव में पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के बेटे भरत भाजपा से चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट में सबसे आगे हैं, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अभी भी विकल्पों पर विचार कर रही है. पार्टी ये मानना है कि यदि भरत को मैदान में उतारा जाता है तो वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने के लिए पार्टी को आलोचना का भी सामना करना पड़ सकता है. वहीं भरत का यह कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य सीट को बरकरार रखना है और वह हाईकमान द्वारा चुने गए किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे.
वहीं कांग्रेस सांसद ई थुकराम के बेल्लारी लोकसभा सीट जीतने के बाद संदूर सीट खाली हो गई थी. अब वह चाहते हैं कि वहां से उनकी बेटी ई वंदना को टिकट मिले, जबकि उनकी पत्नी ई अन्नपूर्णा का नाम भी खूब चर्चा में है. अब देखना ये है कि यहां से कांग्रेस किस उम्मीदवार को टिकट देती है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -