Lok Sabha Election 2024: दक्षिण के वोटर्स के मन में क्या है? इंवेस्टर रुचिर शर्मा से जानिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक के जमीनी हालात
जाने-माने निवेशक रुचिर शर्मा ने कहा है कि बीजेपी के 400 पार के नारे का कोई असर नहीं दिख रहा है. उन्होंने एक पॉडकास्ट में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बात की और बताया कि अभी देश के वोटर्स के मन में क्या चल रहा है. उन्होंने बताया कि दक्षिण के राज्यों में बीजेपी का किस तरह का असर है और उसका चुनाव पर क्या प्रभाव होगा.
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View In App'द रणवीर शो' में रुचिर शर्मा ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी के लिए 400 सीटें जीतना मुश्किल है. हमने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे चार राज्यों का दौरा किया. हर राज्य में अलग-अलग मुद्दे हैं. लोगों का नेताओं को लेकर भी नजरिया बिल्कुल अलग है. कुछ जगहों पर स्थानीय मुद्दे बहुत ज्यादा हावी हैं. स्थानायी नेताओं को भी तरजीह दी जा रही है.
रुचिर शर्मा ने बताया कि आंध्र प्रदेश में बीजेपी पूरी तरह से अपने सहयोगियों के बूते है. वहां एक रैली के दौरान पवन कल्याण को जनता ने सुना, मगर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से पहले ही लोग जाने लगे. दक्षिण भारत में लोगों के साथ कनेक्ट बनाना बीजेपी के लिए मुश्किल हो रहा है. यहां के लोगों के लिए पीएम मोदी और राहुल गांधी मायने नहीं रख रहे हैं. उनके स्थानीय नेता चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी अहम हैं.
तेलंगाना को लेकर निवेशक ने बताया कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से हमारी मुलाकात हुई. वह कांग्रेस के नए जनरेशन के नेता हैं. उन्होंने कहा कि विचारधारा लाइब्रेरी में रखी जाने वाली चीज है. उन्होंने बताया कि यहां सिर्फ बीजेपी-कांग्रेस की लड़ाई है, यहां तक कि बीआरएस भी लड़ाई में नहीं है. तेलंगाना में कांग्रेस अभी आगे चल रही है और बीजेपी दूसरे नंबर पर है. यहां पर राष्ट्रीय पार्टियों का दबदबा देखने को मिल रहा है.
कर्नाटक को लेकर बात करते हुए रुचिर शर्मा ने कहा कि इस राज्य में भी मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही देखने को मिलने वाला है. बीजेपी के सहयोगी जेडीएस को कहीं भी लड़ाई में नहीं देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश को छोड़ दें तो ज्यादातर राज्यों में बीजेपी के सहयोगी उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, जितना उनसे उम्मीद की जा रही है.
महाराष्ट्र का जिक्र करते हुए निवेशक रुचिर शर्मा ने बताया कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कंफ्यूजन है. लोगों को उम्मीदवारों की पार्टियों को समझने में भी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि यहां पर लड़ाई फिफ्टी-फिफ्टी नजर आ रही है. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में लोगों के बीच उद्धव ठाकरे और शरद पवार को लेकर सहानुभूति भी देखने को मिल रही है. उन्हें लग रहा है कि दोनों ही नेताओं के साथ विश्वासघात किया गया है.
हालांकि, यहां गौर करने वाली बात ये है कि रुचिर शर्मा ने कि इन चारों ही राज्यों के लिए सीटों की भविष्यवाणी नहीं की है. उन्होंने इन राज्यों का दौरा किया है और बताया है कि वहां के जमीनी हालात किस ओर इशारा कर रहे हैं. मगर इस बात से कहीं न कहीं अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन राज्यों में जमीनी स्तर पर लोगों के मन में क्या चल रहा है.
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