Lok Sabha Elections 2024: अनुप्रिया पटेल को लेकर मिर्जापुर की जनता का फूटा गुस्सा, जानिए क्या कह दिया
लोकसभा चुनाव 2024 का अंतिम चरण 1 जून को है और 4 जून को इसके परिणाम भी घोषित हो जाएंगे. आज मिर्जापुर लोकसभा सीट को लेकर बात करेंगे, जहां पर भाजपा और अपना दल (सोनेलाल) के गठबंधन से सांसद अनुप्रिया पटेल हैं और इस बार समाजवादी पार्टी ने इस सीट से डॉ. रमेश बिंद को खड़ा किया है.
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View In Appयूपी तक की रिपोर्ट के मुताबिक मिर्जापुर की जनता अनुप्रिया पटेल को सांसद चुने जाने को लेकर क्या कहती है आईए जानते हैं. गांव की वृद्ध महिलाओं से जब यह पूछा गया कि चुनाव का क्या माहौल है तो उनका साफ कहना था कि साइकिल यानी की समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जिताना है. क्योंकि उन्हें ना पेंशन मिलती है और ना पानी. गांव के लोगों का आयुष्मान कार्ड भी नहीं बना है.
लोगों का कहना है कि हम समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को वोट देंगे क्योंकि उन्होंने कहा है कि वह हमारी पानी की समस्याओं को दूर कर देंगे. गांव के लोगों का कहना है कि कई लोगों के पास घर में शौचालय भी नहीं है. उन्होंने कहा कि हमको मोदी की तरफ से कुछ नहीं मिला हम मिट्टी के घर में रहते हैं. गांव के प्रधान भी कभी गांव में नहीं आते हैं.
गांव की महिलाओं को कहना है कि हमें काम नहीं मिल रहा है. महंगाई चरम छू रही है. घर चलाने के लिए पैसे नहीं है. बिजली का बिल आता है और डेढ़ सौ रुपया मजदूरी मिलता है. अब वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि खाएं या बिजली का बिल भरें. अनाज और सब्जियां भी महंगी हो गई है. महिलाओं ने कहा कि जो हमें सुविधा देगा हम उसे वोट देंगे.
मिर्जापुर के गांव की युवाओं का कहना है कि गांव में बिजली पानी की बहुत समस्या है. पिछली बार अखिलेश यादव आए थे तो कहा था की करजा माफ कर देंगे, लेकिन कुछ किया नहीं. युवाओं ने कहा कि बहुत से लोग बहुत कुछ बोल कर चले जाते हैं, लेकिन कोई काम नहीं करते. साइकिल का तो बहुत प्रचार हो रहा है, लेकिन चलाने के लिए साइकिल भी नहीं मिल रहा है.
एक युवक ने कहा कि अनुप्रिया पटेल खाली चौराहे पर जाकर लोगों से मिलकर चली जाती है. लोगों के अंदर उनको लेकर बहुत गुस्सा है. अब उम्मीद है तो राहुल गांधी से. लोगों ने तो कहा कि मोबाइल का रिचार्ज भी महंगा हो गया है. लोगों ने जीएसटी का मुद्दा भी खूब उठाया. यही नहीं सोने के भाव को लेकर भी लोगों ने कहा कि महंगाई बढ़ गई है.
एक युवक ने कहा कि हमारे इलाके की संसद लोकसभा में हमारे मुद्दे ले जाकर नहीं रखती हैं. लोगों को बड़ी समस्याएं हैं लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा.
एक युवक ने कहा कि वह अपनी समस्या लेकर के 10 लोगों के साथ अनुप्रिया पटेल के पास गए थे, लेकिन उन्होंने उसकी समस्याएं नहीं सुनी और कहा कि यह काम उनका नहीं है. अगर अनुप्रिया पटेल चाहती तो कह कर काम करवा सकती थी.
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