Lok Sabha Elections Results: अमृतपाल सिंह और शेख अब्दुल राशिद जेल से चुनाव तो जीत गए पर क्या शपथ ले पाएंगे? जानिए
लोकसभा चुनाव पूरे हो चुके हैं. एनडीए ने बहुमत के साथ जीत दर्ज की है. सरकार बनाने के लिए बैठकों का दौर जारी है. इन सभी के बीच बात हो रही है उन प्रत्याशियों की जो जेल में बंद है और चुनाव भी जीते हैं.
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View In Appखालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाबी जे प्रमुख अमृतपाल सिंह जो कि असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है और खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव जीता है. इसके साथ ही 5 साल के लिए जेल में बंद कश्मीरी नेता अब्दुल राशिद भी चुनाव जीत गए हैं. अब्दुल रशीद ने बारामूला लोकसभा सीट से निर्दलीय रहते हुए भी चुनाव जीता है और नेशनल कांफ्रेंस के बड़े नेता उमर अब्दुल्ला को चुनाव में हराया. तस्वीर में आप देख सकते हैं कि अब्दुल राशिद के बेटे अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
चाहे अमृतपाल सिंह हो या फिर अब्दुल रशीद दोनों ही आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है और देश के अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग जिलों में बंद है, लेकिन इन सब के बीच तीन बड़ी बातें यह हैं कि क्या यह दोनों शपथ ले पाएंगे?, दूसरी ये की क्या इन्हें जेल से छोड़ा जाएगा? या फिर यह जेल में कैद रहते हुए ही सरकार चलाएंगे?
रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 के मुताबिक 18 साल की उम्र का सही दिमाग, सेहत वाला कोई भी भारतीय चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बन सकता है. जेल या लीगल कस्टडी में रहते हुए कैदी भी इस श्रेणी में आते हैं, जबकि आरोप साबित न हुए हो.
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सांसद और विधायक अगर अपराध के दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें तुरंत अपना पद छोड़ना होगा.
अब्दुल रशीद के ऊपर लगे आरोपों की बात करें तो वह यूएपीए के तहत जेल में बंद है. 2019 में एनआईए ने टेरर फंडिंग के आरोप में रशीद को गिरफ्तार किया था. वहीं अमृतपाल सिंह एनएसए के तहत जेल में बंद है. दोनों ही देश की सुरक्षा को तोड़ने जैसे अपराध में जेल में बंद है. बता दें कि जेल में बंद लोकसभा मेंबर ऑनलाइन बैठकर कर सकते हैं. लेकिन पार्लियामेंट के सेशन में वह हिस्सा नहीं ले सकते. इसके साथ ही वह जनता से सीधा संवाद भी नहीं कर सकते.
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