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Maharashtra Lok Poll Survey: 6 में से 4 जोन में NDA को पटकेगा MVA, इस मुद्दे पर लगेगा फटका! जानें, क्या कहता है महाराष्ट्र पर ताजा सर्वे

Maharashtra Lok Poll Survey: इलेक्शंस से जुड़े ओपिनियन पोल और भविष्यवाणी करने वाले 'लोक पोल' ने महाराष्ट्र को लेकर ताजा सर्वे किया है, जिसके नतीजे बड़े ही चौंकाने वाले हैं.

Maharashtra Lok Poll Survey: इलेक्शंस से जुड़े ओपिनियन पोल और भविष्यवाणी करने वाले 'लोक पोल' ने महाराष्ट्र को लेकर ताजा सर्वे किया है, जिसके नतीजे बड़े ही चौंकाने वाले हैं.

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले एनडीए को सियासी पटखनी दे सकता है. यह अनुमान लोक पोल के चुनावी सर्वे के जरिए लगाया गया है. आइए, जानते हैं कि जोन के हिसाब से चुनावी सर्वे में क्या-कुछ सामने आया:

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लोक पोल का सर्वे बताता है कि महाराष्ट्र में एनडीए को 115 से 128 सीटें तक मिल सकती हैं, जबकि उसका वोट शेयर 38-41% तक रह सकता है.
लोक पोल का सर्वे बताता है कि महाराष्ट्र में एनडीए को 115 से 128 सीटें तक मिल सकती हैं, जबकि उसका वोट शेयर 38-41% तक रह सकता है.
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सर्वे से आगे यह भी पता चला कि विपक्षी गठबंधन एमवीए 141-154 सीटें हासिल कर सकता है, जबकि उसका वोट शेयर 41-44% हो सकता है.
सर्वे से आगे यह भी पता चला कि विपक्षी गठबंधन एमवीए 141-154 सीटें हासिल कर सकता है, जबकि उसका वोट शेयर 41-44% हो सकता है.
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महाराष्ट्र पर किए गए लोक पोल के ग्राउंड सर्वे के मुताबिक, वहां अन्य को पांच से 18 सीटें तक मिल सकती हैं और वोट शेयर 15-18% रह सकता है.
महाराष्ट्र पर किए गए लोक पोल के ग्राउंड सर्वे के मुताबिक, वहां अन्य को पांच से 18 सीटें तक मिल सकती हैं और वोट शेयर 15-18% रह सकता है.
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लोक पोल ने जब महाराष्ट्र को लेकर किए सर्वे के रिजल्ट को जोनवार (कुल 6 जोन) समझने की कोशिश की तो बड़ी ही रोचक जानकारी सामने आई.
लोक पोल ने जब महाराष्ट्र को लेकर किए सर्वे के रिजल्ट को जोनवार (कुल 6 जोन) समझने की कोशिश की तो बड़ी ही रोचक जानकारी सामने आई.
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पहला जोन विदर्भ है. वहां 62 विस सीटें हैं. वहां एनडीए को 15-20, एमवीए को 40-45 और अन्य को एक से पांच सीटें मिल सकती हैं. वहां पर लोगों कांग्रेस के पक्ष में है. ग्रामीण संकट के साथ अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के वोटर्स का एकीकरण वहां अहम फैक्टर है. वहां के किसान सोयाबीन और कॉटन के दामों को लेकर खासा नाराज हैं.
पहला जोन विदर्भ है. वहां 62 विस सीटें हैं. वहां एनडीए को 15-20, एमवीए को 40-45 और अन्य को एक से पांच सीटें मिल सकती हैं. वहां पर लोगों कांग्रेस के पक्ष में है. ग्रामीण संकट के साथ अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के वोटर्स का एकीकरण वहां अहम फैक्टर है. वहां के किसान सोयाबीन और कॉटन के दामों को लेकर खासा नाराज हैं.
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दूसरा जोन खानदेश है, जहां प्रदेश की 47 विस सीटें हैं. वहां एनडीए 20-25, एमवीए 20-25 और अन्य शून्य-दो सीटें जीत सकता है. इस क्षेत्र की एसटी बेल्ट एमवीए का समर्थन कर रही है पर इलाके के बाकी हिस्से में मजबूत नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की मौजूदगी एनडीए की मदद करेगी. हालांकि, प्याज की खेती करने वाले किसान मौजूदा सरकार से खफा हैं.
दूसरा जोन खानदेश है, जहां प्रदेश की 47 विस सीटें हैं. वहां एनडीए 20-25, एमवीए 20-25 और अन्य शून्य-दो सीटें जीत सकता है. इस क्षेत्र की एसटी बेल्ट एमवीए का समर्थन कर रही है पर इलाके के बाकी हिस्से में मजबूत नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की मौजूदगी एनडीए की मदद करेगी. हालांकि, प्याज की खेती करने वाले किसान मौजूदा सरकार से खफा हैं.
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तीसरा जोन ठाणे-कोंकण है. वहं 39 विस सीटें हैं. वहां एनडीए को 25-30, एमवीए को पांच से 10 और अन्य को एक से तीन सीटें मिल सकती हैं. चूंकि, एमवीए का नेतृत्व इस इलाके में मजबूत नहीं है, जिस वजह से कोंकण बेल्ट में एनडीए का स्ट्रॉनहोल्ड (गढ़) है. हालांकि, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का प्रभाव, पीडब्यूपीआई और सीपीआई(एम) भी एमवीए को प्रासंगिक बनाए हैं.
तीसरा जोन ठाणे-कोंकण है. वहं 39 विस सीटें हैं. वहां एनडीए को 25-30, एमवीए को पांच से 10 और अन्य को एक से तीन सीटें मिल सकती हैं. चूंकि, एमवीए का नेतृत्व इस इलाके में मजबूत नहीं है, जिस वजह से कोंकण बेल्ट में एनडीए का स्ट्रॉनहोल्ड (गढ़) है. हालांकि, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का प्रभाव, पीडब्यूपीआई और सीपीआई(एम) भी एमवीए को प्रासंगिक बनाए हैं.
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चौथ जोन मुंबई है. वहां विस की 36 सीटें आती हैं. एनडीए 10-15, एमवीए 20-25 और अन्य शून्य से एक सीट हासिल कर सकते हैं. इस शहर में अमीर बनाम गरीब का चुनावी नैरेटिव रहा है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को एससी वोटर्स से लाभ मिला है, जबकि कांग्रेस मुस्लिम वोटबैंक से फायदा पाएगी. न्याय यात्रा की वजह से कांग्रेस का कद यहां बढ़ा है. हालांकि, बीजेपी वहां रहने वाले गुजराती वोटर्स के बीच पॉपुलर है.
चौथ जोन मुंबई है. वहां विस की 36 सीटें आती हैं. एनडीए 10-15, एमवीए 20-25 और अन्य शून्य से एक सीट हासिल कर सकते हैं. इस शहर में अमीर बनाम गरीब का चुनावी नैरेटिव रहा है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को एससी वोटर्स से लाभ मिला है, जबकि कांग्रेस मुस्लिम वोटबैंक से फायदा पाएगी. न्याय यात्रा की वजह से कांग्रेस का कद यहां बढ़ा है. हालांकि, बीजेपी वहां रहने वाले गुजराती वोटर्स के बीच पॉपुलर है.
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पांचवां जोन पश्चिम महाराष्ट्र है, जिसके तहत 58 विस सीटें आती हैं. वहां एनडीए को 20-25, एमवीए को 30-35 और अन्य को एक से पांच सीटें हासिल हो सकती हैं. बारामती (सतारा बेल्ट) में शरद पवार की मौजूदगी दिखती है. कोल्हापुर (सोलापुर बेल्ट) में कांग्रेस को पहले से फायदा हुआ है.
पांचवां जोन पश्चिम महाराष्ट्र है, जिसके तहत 58 विस सीटें आती हैं. वहां एनडीए को 20-25, एमवीए को 30-35 और अन्य को एक से पांच सीटें हासिल हो सकती हैं. बारामती (सतारा बेल्ट) में शरद पवार की मौजूदगी दिखती है. कोल्हापुर (सोलापुर बेल्ट) में कांग्रेस को पहले से फायदा हुआ है.
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आखिरी और छठा जोन महाठवाड़ा है. वहां 46 विस सीटें हैं. एनडीए को 15-20, एमवीए को 25-30 और अन्य को शून्य-दो सीटें मिल सकती हैं. मराठा लोग फिलहाल एमवीए के फेवर में (जाति वाले फैक्टर के चलते) माने जा रहे हैं, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के वोटर्स पुराने वोटिंग पैटर्न ही अपना रहे हैं. हालांकि, यहां भी किसानों से जुड़ा संकट अधिक है और यह मौजूदा सरकार को फटका दे सकता है.
आखिरी और छठा जोन महाठवाड़ा है. वहां 46 विस सीटें हैं. एनडीए को 15-20, एमवीए को 25-30 और अन्य को शून्य-दो सीटें मिल सकती हैं. मराठा लोग फिलहाल एमवीए के फेवर में (जाति वाले फैक्टर के चलते) माने जा रहे हैं, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के वोटर्स पुराने वोटिंग पैटर्न ही अपना रहे हैं. हालांकि, यहां भी किसानों से जुड़ा संकट अधिक है और यह मौजूदा सरकार को फटका दे सकता है.

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