मायावती की BSP को मिल गया 'ब्रह्मास्त्र', उप-चुनाव के पहले यूपी में 360 डिग्री बदल सकता है खेल!
बसपा चीफ मायावती ने कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लोगों के उप-वर्गीकरण की अनुमति दी गई है, जिससे उनकी पार्टी कतई सहमत नहीं है.
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View In Appदरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यों को SC में उप-वर्गीकरण का अधिकार है, ताकि उन्हें आरक्षण दिया जा सके जो सामाजिक-शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी हैं.
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम ने इसी को बड़ा सियासी मुद्दा बनाने की कोशिश की है. उन्होंने इसे लेकर कहना शुरू कर दिया कि सभी लोग एकजुट होकर इसका विरोध करें.
बहन जी के नाम से मशहूर मायावती चाहती हैं कि दलितों में कोई और कोटा नहीं हो. न ही किसी सरकार को अधिकार हो कि वह इसमें किसी और जाति के नाम जोड़ सके.
हालांकि, मायावती ने जिस मुद्दे पर बल दिया है, वह कितना बड़ा मुद्दा बन जाएगा? यह तो फिलहाल नहीं कहा जा सकता पर मायावती को इसका बड़ा लाभ मिल सकता है.
मायावती की ओर से यह कदम ऐसे वक्त पर उठाया गया है, जब उनकी और बसपा की दलित पॉलिटिक्स फुस्स साबित होती दिखी है. आम चुनाव में भी वह कमाल न कर सकी.
सियासी गलियारों में चर्चा है कि दलितों से जुड़ा यह पूरा मामला जज्बाती मसला है, जो उन्हें सोचने पर मजबूर करता है. ऐसे में यह मायावती की पॉलिटिक्स को बूस्ट कर सकता है.
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