जब संसद में यूपी के लड़कों ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को घेर लिया, जानें क्यों मच गया हंगामा
संसद के निचले सदन यानी कि लोकसभा में पहले सपा के अखिलेश यादव ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ में कथित अनियमितता को लेकर प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि यह सरकार किसी और का रिकॉर्ड बनाए या न बनाए पर पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी.
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View In Appअखिलेश यादव ने आगे कहा, क्या उन छात्रों की सूची जारी की जाएगी, जिनके सबसे ज्यादा नंबर आएं हैं. कुछ परीक्षा केंद्रों पर दो हजार से ज्यादा बच्चे पास हो गए हैं. सपा सांसद ने आगे धर्मेंद्र प्रधान पर निशाना साधते हुए यह भी कहा, यह मंत्री रहेंगे तो बच्चों को न्याय नहीं मिलेगा.
आगे लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बोले कि यह नीट की दिक्कत नहीं है. यह गंभीर समस्या देश के सभी प्रमुख परीक्षाओं की है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सबकी खामी गिनाई पर उन्होंने खुद की कमी नहीं बताई. देश के लोगों का मानना है कि भारत का परीक्षा तंत्र फर्जी हैं.
राहुल गांधी के मुताबिक, लाखों लोगों को लगता है कि अगर आप अमीर हैं तब आप भारत की परीक्षा व्यवस्था को खरीद सकते हैं और यही सोच विपक्ष भी रखता है. हालांकि, दोनों सांसदों की टिप्पणियों के बाद सदन में धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब दिया. वह बोले कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले तीन दिन में छात्रों की सूची सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध कराई गई है.
धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार में कहा, मुझे मेरे राज्य की स्वीकृति मिली हुई है. मुझे इस सदन में किसी से बौद्धिक स्तर पर या संस्कार की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. वह आगे बोले कि केरल के विद्यार्थियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया तो क्या हम कहेंगे कि वहां कुछ गड़बड़ी हुई. एससी, एसटी और ग्रामीण इलाकों के और आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, क्या हम उनकी मेधा को चुनौती देंगे?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार में कहा कि वह सदन में उन पेपर लीक मामलों की पूरी सूची रख सकते हैं जो अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए थे. वह आगे बोले, अखिलेश यादव जब यूपी में (सीएम) थे उस समय की पूरी सूची है कि कितनी बार पेपर लीक हुए थे.
शिक्षा मंत्री के जवाब के बाद संसद में हंगामा होने लगा. स्पीकर ओम बिड़ला के कहने पर भी सांसद कुछ देर तक चुप नहीं हुए, जिसके बाद स्पीकर ने जोर देकर कहा, हम अगर सभी परीक्षाओं पर सवाल उठाएंगे तब यह पास होने वालों बच्चों के साथ भारत के परीक्षा तंत्र पर सवाल खड़ा करेगा. आरोप-प्रत्यारोप से सदन नहीं है. बेहतर सुझाव आने चाहिए.
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