एक्सप्लोरर
Prashant Kishor: बिहार के सारे समीकरण प्रशांत किशोर कर देंगे फेल, ढूंढ निकाला वो फॉर्मूला जो कर देगा बड़ा खेल!
Prashant Kishor News: बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटे हैं. वहां साल 2025 में विस के चुनाव होंगे, जिसके लिए प्रशांत किशोर अपनी सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं

जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाकर काम कर रहे हैं. उन्होंने सूबे में सारे समीकरणों को फेल करने के लिए एक खास फॉर्मूला निकाल लिया है, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं:
1/10

जिस बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जेड(यू) जैसे दल प्रबल माने जाते हैं, वहां पीके भी खुद का सियासी विस्तार करेंगे.
2/10

पीके दो अक्तूबर, 2024 (महात्मा गांधी की जयंती) को राजनीतिक दल की घोषणा करेंगे, जो बिहार में उनकी जन सुराज पदयात्रा शुरू होने के ठीक दो साल बाद का दिन है.
3/10

अंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट की मानें तो पीके की पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि वह 21 नेताओं का पैनल बनाएंगे जो पार्टी से जुड़े मामले देखेगा.
4/10

चूंकि, बिहार में दलित और मुस्लिम वोट बैंक कुल आबादी का 37 फीसदी है, इसलिए पीके की इन दोनों वर्गों से अपील रही है कि वे जाति और धर्म के नाम पर वोट न दें.
5/10

बिहार में दलितों और मुस्लिमों से जन सुराज के संस्थापक लंबे समय से कहते आए हैं कि वे लोग बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर वोट दें और प्रतिनिधि चुनें.
6/10

अगड़ी जाति से आने वाले पीके को लेकर पॉलिटिकल एनालिस्ट संजय कुमार का मानना है कि वह जाति-धर्म के साथ पेशेवर पृष्ठभूमि से परे इंद्रधनुषी गठबंधन की बात करते हैं.
7/10

चुनावी रणनीतिकार ने चुनाव से पहले पिछड़े, दलितों और मुस्लिमों के बीच जिस अप्रोच से अपनी बात रखी, वह दर्शाती है कि चुनावी मोर्चे पर उनका ध्यान इन्हीं वर्गों पर हैं.
8/10

किशनगंज में पीके जन सभा के दौरान कह भी चुके हैं कि जन सुराज आर्थिक तौर पर पिछड़ी जाति (ईबीसी) के 75 नेताओं को बिहार चुनाव में उतारेगी, जिनमें ईबीसी मुस्लिम भी होंगे.
9/10

पीके के मुताबिक, मुस्लिम राज्य में 17% (यादवों से 3% अधिक) हैं पर उनके पास नेता नहीं है, जबकि मुसलमान-दलित सामूहिक रूप से राज्य की आबादी का 37% हिस्सा बनाते हैं.
10/10

पीके चाहते हैं कि मुसलमान-दलित सामान्य कारण के लिए साथ आएं.चूंकि,मुस्लिम राजद के लिए अहम वोटबैंक रहे हैं और पिछड़े जेडीयू के लिए. ऐसे में अगर यह वोट छिटकता है तब पीके बड़ा खेल कर सकते हैं.
Published at : 12 Jul 2024 07:14 AM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
राजस्थान
बॉलीवुड
आईपीएल
Advertisement


नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
Opinion