Tripura Election 2023: त्रिपुरा की दीदी जो कभी लगाती थीं BJP दफ्तर में झाड़ू, आज हैं केंद्रीय मंत्री...लंबी है संघर्ष की कहानी
प्रतिमा भौमिक (Pratima Bhoumik) भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं. वो त्रिपुरा से पहली केंद्रीय मंत्री और उत्तर पूर्व से दूसरी महिला केंद्रीय मंत्री हैं. वो त्रिपुरा पश्चिम से लोकसभा सांसद हैं. (फोटो- Manogya Loiwal)
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View In Appसाल 1991 से बीजेपी से जुड़ी. 1991 में वह धनपुर विधानसभा क्षेत्र की मंडल अध्यक्ष बनी थीं. 2003 में वह अविभाजित सिपाहीजाला जिले की जिलाध्यक्ष बनीं. 2007 में वह बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनीं.वह 2 बार भाजपा महिला मोर्चा की राज्य उपाध्यक्ष और भाजयुमो त्रिपुरा की एक बार उपाध्यक्ष थीं. इस महिला मंत्री का यहां तक का सफर बेहद जद्दोजहद भरा रहा है. कभी वो पार्टी के दफ्तर में झाड़ू लगाया करती थीं. आर्थिक हालात कुछ ऐसे थे कि 8वीं कक्षा तक इनके पास पैरों में पहनने के लिए चप्पल तक नहीं होती थी. (फोटो- Manogya Loiwal)
बीजेपी ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में धनपुर से प्रतिमा भौमिक को अपना उम्मीदवार बनाया है. यहां इस साल बंगाली में केवल एक ही नारा है, धनपुर निजेर में के ई चाय (धनपुर इस बार चुनाव में अपनी बेटी को वोट देकर जीता देगा). ये वाम मोर्चा से त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार की पारंपरिक सीट रही है. साल 1998 और 2018 में भौमिक ने पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार के खिलाफ धनपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.(फोटो- Manogya Loiwal)
त्रिपुरा में प्रतिमा दी के नाम से मशहूर भौमिक ने 2019 में त्रिपुरा पश्चिम संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और 3 लाख 5 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीता. प्रतिमा भौमिक 28 मई 1969 को बोर्नारायण, धनपुर, सोनमुरा में पैदा हुईं. 1991 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही वह 20 साल की उम्र में बीजेपी में शामिल हो गई थीं. अपने गांव की पहली ग्रेजुएट किसान की बेटी प्रतिमा दी की सादगी लोगों को उनका कायल बनाती है. उनके 12 फुट के कमरे में कभी ताला नहीं लगता. कमरे में केवल एक ही अलमारी है.(फोटो- Manogya Loiwal)
वो अतीत के बारे कहती हैं पहले तो हमारे पास अलमारी भी नहीं था लेकिन अभी एक है.अच्छा लगता है. हम घर में ताला भी नहीं लगाते, क्योंकि ऐसा कोई कीमती सामान हमारे घर में है ही नहीं. सिर्फ मैं ही नहीं मेरे भाई बहन भी ताला नहीं लगाते यह हमारे परिवार की प्रथा है.(फोटो- Manogya Loiwal)
प्रतिमा दी कहती है, मैं पहले सिल्क की साड़ी पहनती थी, लेकिन लगभग 10 साल से मैंने पहनना छोड़ दिया. अब मैं सिर्फ सूती साड़ी ही पहनती हूं और कार्यकर्ता भी मुझे सूती साड़ियां ही उपहार में देते हैं. मेरे पास 700-800 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक की साड़ियां हैं. अगर उससे अधिक दाम का कोई देता भी है तो मैं स्वीकार नहीं करती. लोग एक साड़ी कितने दिन ही पहनते हैं इसलिए मैं ज्यादा पैसा नष्ट करना नहीं चाहती. कॉस्मेटिक के नाम पर मैं बस एक वैसलीन और बोरोप्लस रखती हूं.(फोटो- Manogya Loiwal)
त्रिपुरा की दीदी का कहना है, हम लोग गांव से और एक गरीब परिवार से हैं. हमने तो 8वीं कक्षा तक चप्पल भी नहीं पहनी. 9वीं कक्षा में जाने के बाद हमने चप्पल पहनना शुरू किया है. तब से मैंने चप्पल पहना है. मैं तो कॉलेज भी चप्पल पहन कर जाती थी, क्योंकि मुझे चप्पल पहनना बहुत अच्छा लगता है. वो कहती है गहनों के नाम पर उनके पास मां की कक्षा 6 में दी गई बालियां ही हैं.(फोटो- Manogya Loiwal)
केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने अपने बचपन के बारे बताया, मैं जब कक्षा 9 में पढ़ती थी तब से मैंने ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया है. तब लोग मुझे 10-15 रुपये देते थे. अगर मैं 10 बच्चों को पढ़ाती थी तो 5 बच्चे पैसे देते थे और कुछ बच्चे तो खाने का सामान दे देते थे. साल 2000 तक मैंने ट्यूशन पढ़ाया है और मैंने खेती भी की है. इसी साल मेरे पिताजी का देहांत हो गया था.(फोटो- Manogya Loiwal)
वह कहती हैं कि उन्हें वाममोर्चा और कांग्रेस दोनों ने बहुत तंग किया है. प्रतिमा दी कहती हैं कि सिर्फ पिटाई ही नहीं घर से भी निकाला जा चुका है. वो कहती हैं कि वाममोर्चा हो या कांग्रेस सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं. उन्होंने खास करके आदिवासियों को मेरे खिलाफ भड़काया, लेकिन हमारे लोगों ने हमेशा मेरा साथ दिया है. प्रतिमा भौमिक को किताबें पढ़ना बेहद पसंद है और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की तस्वीर वो अपने कमरे में रखती हैं. प्रतिमा भौमिक को धनपुर के लोग अपने बेटी मानते हैं और इस बेटी के घर से कोई भूखा नहीं जाता. (फोटो- Manogya Loiwal)
प्रतिमा दीदी कहती है, मेरी मां कृष्ण भगवान की पूजा करती हैं और मैं शिवजी को मानती हूं. वह मेरे गुरु है. लेकिन मुझे सब भगवान की पूजा करना पसंद है. वह कहती है, लोग जब दीदी बुलाते हैं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है और लोग बड़े प्यार से बुलाते हैं. ऐसा लगता है कि मैं उनके घर की हूं. कभी-कभी ऐसा होता है कि मैं बाहर जाती हूं तो लोग कहते हैं मैडम नमस्कार तो मैं उन्हें कहती हूं कि क्या मैं अमेरिका से आई हूं? फिर वह कहते हैं कि आप तो मंत्री हैं अगर दीदी बोलेंगे तो आप गुस्सा हो जाओगे, लेकिन मैं कहती हूं कि जब लोग मुझे दीदी बुलाते हैं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है.(फोटो- Manogya Loiwal)
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