वक्त की कहानी… राहुल और ईरानी! जो थे मंत्री उनको पेंशन और जिनकी गई थी सांसदी उनको मिनिस्टर की सैलरी
पिछले चुनाव और इस बार की कहानी एकदम पलट गई है. 2019 में स्मृति ईरानी अमेठी से जीतीं और कैबिनेट में भी जगह मिली. वहीं, राहुल गांधी अमेठी हार गए और वायनाड से सांसद बने, लेकिन मोदी सरनेम मामले में उनकी सांसदी भी चली गई थी. हालांकि, कोर्ट के फैसले के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल हो गई.
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View In Appअब राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बने हैं और उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर के बराबर सैलरी मिलेगी, जबकि अमेठी हारने के बाद स्मृति ईरानी पूर्व सांसद के तौर पर पेंशन पाएंगी. सैलरी एंड अलाउंसेज ऑफ एलओपी पार्लियामेंट एक्ट 1977 के अनुसार नेता प्रतिपक्ष को केंद्रीय मंत्री के बराबर सैलरी के साथ उनके जैसी सुविधायें भी मिलती हैं. यहां केंद्रीय राज्य मंत्री और स्वतंत्र प्रभार की बात नहीं हो रही है.
राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के लिए हर महीने 3 लाख 30 हजार रुपये सैलरी के साथ वो सभी सुविधाएं मिलेंगी, जो केंद्रीय मंत्रियों को मिलती हैं.
राहुल गांधी को एक आलीशान बंगला मिलेगा, जिसके लिए उन्हें कोई किराया नहीं देना होगा. पद की अवधि समाप्त होने बाद एक महीने तक बगैर किराए के बंगले में रह सकते हैं.
लीडर ऑफ ओपोजिशन के रूप में राहुल गांधी को सरकारी गाड़ी, ड्राइवर, फ्री मेडिकल सुविधाएं, मुफ्त टेलीफोन, मुफ्त यात्रा और 14 लोगों का पर्सनल स्टाफ भी मिलेगा.
14 लोगों के स्टाफ में एक निजी सचिव, दो अतिरिक्त निजी सचिव, दो सहायक निजी सचिव, एक हिंदी स्टेनो, एक क्लर्क, एक सफाई कर्मचारी और फोर्थ क्लास के चार कर्मचारी मिलेंगे.
राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, सीवीसी और सीआईसी जैसी संवैधानिक एजेंसियों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए बनाई गई कमेटी का हिस्सा होंगे. इस कमेटी में प्रधानमंत्री भी शामिल होते हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री समृति ईरानी की बात करें तो लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी सीट से हारने के बाद उन्हें कैबिनेट में कोई पद नहीं मिला है और अब पूर्व सांसद के तौर पर उन्हें पेंशन मिलेगी.
सांसदों की सैलरी और भत्ते से जुड़े 1977 नियम के तहत समृति ईरानी को हर महीने 25 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी.
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