UP-Gujarat: क्यों यूपी और गुजरात के चक्कर लगा रहे राहुल गांधी, क्या है यूपी के दो लड़कों का गेम प्लान? समझें
लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार से इंडिया गठबंधन को बड़ी सफलता मिली है, क्या इस प्रकार से गुजरात में भी बीजेपी साफ हो सकती है. यदि गुजरात में इंडिया गठबंधन आ जाती है तो मोदी का सत्ता में रहना नामुमकिन हो जाएगा.
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View In Appराहुल गांधी ने एक फार्मूला बनाया है वह है यूपी + गुजरात = बीजेपी साफ. बड़ा सवाल यह है कि राहुल गांधी आजकल यूपी और गुजरात की ही बात क्यों करते हैं. क्यों इन दो राज्यों को इतनी अहमियत दी जा रही है.
2014 में भाजपा ने सरकार बनाई, लेकिन उसके पहले उनकी रणनीति भी बनाई थी. मोदी ने दो बेस बनाए. एक यूपी और एक गुजरात. दोनों राज्यों में रणनीति बनाई और इनसे लगे राज्यों में भी बड़ी संख्या में सीटें जीती. 2013 में उन्होंने अमित शाह को भेज दिया था. 2014 में पीएम मोदी बड़ोदरा से भी लड़े और वाराणसी से भी. जिसके नतीजे ये हुए की यूपी में 80 में से 73 सीट जीते और गुजरात में 26 में से 26. यानी कि उत्तर प्रदेश और गुजरात को बेस बनाकर मोदी और शाह ने अगल-बगल के राज्यों को भी अपनी ओर खींचा और कुल मिलाकर 249 सीटें जीती.
राहुल गांधी नरेंद्र मोदी के इन दोनों बेस, गुजरात और यूपी को तोड़ने के लिए फोकस कर रहें हैं. 2 दिन पहले राहुल गांधी गुजरात गए थे. सवाल वही है ना कि क्या मोदी को उत्तर प्रदेश और गुजरात में हराया जा सकता है? मोदी के सबसे खास जय नारायण व्यास, जो अब उनके साथ नहीं है. उन्होंने बताया कि मोदी को गुजरात में हराया जा सकता है.
यूपी में राजनीतिक सलाहकार प्रोफेसर रविकांत ने कहा है कि राहुल गांधी अखिलेश यादव ने कास्ट सेंसस का मुद्दा, आरक्षण को बढ़ाने का मुद्दा, दलितों के का मुद्दा, सोशल जस्टिस का मुद्दा उठा करके माहौल बनाया. उस वजह से दलित और माइनॉरिटी का वोट राहुल गांधी के साथ चले गया.
गुजरात में एक समय पर मोदी के कैबिनेट में मंत्री रहने वाले मोदी के सबसे खास जय नारायण व्यास ने कहा है कि गुजरात में मोदी को हराया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पिछले दो बार से गुजरात में बनी सरकार निकम्मी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि यह मान लेना कि भाजपा के लिए यहां सारी चीज बनी बनाई है यह गलत है. कांग्रेस का मत बड़ा है और और भी बढ़ेगा.
व्यास ने बताया कि अलग-अलग पार्टी होने की वजह से कांग्रेस का वोट बट जाता था, लेकिन अब सभी के साथ आने के बाद वोट इंडिया गठबंधन को जाएगा. वोट अगर नहीं बंटा तो हंड्रेड परसेंट भाजपा के सामने कांग्रेस जीतेगी. उन्होंने बताया कि अमित शाह मोदी का कॉम्बिनेशन है अगर यह दोनों अलग-अलग हो गए तो. यह कभी नहीं जीत पाएंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन अगर अपने नाम पर खरा उतरे तो कांग्रेस आज भी गुजरात में सत्ता का सिंहासन प्राप्त कर सकती है.
वही प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि दलित पिछड़ा वर्ग और माइनॉरिटी इंडिया गठबंधन के साथ रहा तो यूपी में योगी जी का पत्ता साफ है.
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