राहुल गांधी ने तय कर दिए वे कौन से 3 एजेंडे, जो चुनावी राज्यों में पलट देंगे नरेंद्र मोदी-NDA का पूरा गेम!
देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार (14 अगस्त, 2024) को कांग्रेस की अहम बैठक हुई. मंथन में पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी के साथ महासचिव, राज्य प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख मौजूद रहे.
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View In Appराहुल गांधी की ओर से मीटिंग के दौरान तीन बड़े एजेंडे तय कर दिए गए, जो कि आने वाले समय में कांग्रेस की दशा और दिशा तय करने का काम करेंगे. 1- जेपीसी की डिमांड है. 2- जातिगत जनगणना की मांग है और 3- आरक्षण है.
सेबी को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट पर कांग्रेस जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) की मांग पर पूरा फोकस करेगी. वह इसके जरिए स्टॉक मार्केट के छोटे निवेशकों को साधने का प्रयास करेगी, जिनका पैसा दांव पर लगा है.
दूसरा बड़ा मुद्दा जातीय जनगणना है. कांग्रेस इस पर भी स्टैंड को लेकर कायम रहेगी और तीसरा एजेंडा एससी/एसटी में क्रीमी लेयर नहीं लागू करने देना है. वह इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर दबाव डालेगी.
राजनीतिक एक्सपर्ट्स की मानें तो कांग्रेस ने आम चुनाव 2024 में बीजेपी-एनडीए के खिलाफ जो कैंपेन (आरक्षण बचाओ और संविधान बचाओ वाला) चलाया था, वह इस बार भी चुनावों के पहले वैसा ही प्रचार बड़े स्तर पर कर सकती है.
कांग्रेस इन बड़े मुद्दों पर देशव्यापी जनांदोलन शुरू करेगी. कांग्रेस चीफ का आरोप है कि संविधान पर हमला लगातार जारी है. बयान में कहा गया कि अगले कुछ हफ्तों में देश भर में इन तीनों मुद्दों पर पार्टी जन आंदोलन अभियान चलाएगी.
कांग्रेस के लिए तीन मुद्दे बड़े मास्टर स्ट्रोक इसलिए भी साबित हो सकते हैं क्योंकि वह नई किस्म की सोशल इंजीनियरिंग करना चाह रही है. जिन जगहों पर चुनाव हैं, वहां अच्छी संख्या में दलित और आदिवासी हैं. ऐसे में उसे फायदा मिल सकता है.
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