Shivraj Singh Chouhan: दिल्ली में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कह दिया कुछ ऐसा, बाद में खुद ही सुधारनी पड़ी गलती
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं पूर्व छात्र मिलन समारोह में सहभागिता कर संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आप सबसे बात करना चाहता हूं. क्योंकि, मुख्यमंत्री सब विषयों का नहीं है. इस पर उन्होंने कहा कि नहीं कृषि मंत्री. शिवराज सिंह ने कहा कि मैं 4 बार का मुख्यमंत्री रहा हूं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appइस दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे हंसते हुए कहा कि करीब 20 साल मंत्री रहा हूं तो कुछ दिन तो भूलने में लगेंगे. शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि वहां भी मुझे गुमान नहीं था कि सब मुझे जानते हैं.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरे प्रिय मित्रों मैं बड़ी आशा से आपके बीच आया हूं. यहां आना और मेरा भाषण देना केवल कर्मकांड नहीं है. कृषि के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल देने की मेरी जिद जुनून और जज्बा है और आपके साथ मिलकर मैं करना चाहता हूं.
शिवराज सिंह ने आगे कहा कि मैं किसान और विज्ञान को जोड़ना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि हम प्रयोग करते हैं ये किसानों को बहुत बाद में पता चलता है. मैं खेत पर बैठ के किसान से भी बात करूंगा. यहां मैंने रहने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का गेस्ट हाउस चुना. क्योंकि मैं यहां के निकट संपर्क में रहना चाहता हूं. इसलिए मैं आज का मौका चूकना नहीं चाहता हूं.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि हम मिलकर कोई ऐसा रोड मैप बना लें, जिसपर चलकर न केवल भारतीय कृषि और किसान का कल्याण हो सके, बल्कि हम भारत को दुनिया का फूड बास्केट बना दें. दुनिया को अन्न खिलाएं और एक्सपोर्ट करें.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन और मिशन कृषि के क्षेत्र को आगे बढ़ाना और किसान का कल्याण करना है. उन्होंने आगे कहा कि मैं जिस दिन से कृषि मंत्री बना हूं, तभी से दिन-रात यही सोच रहा हूं कि किसानों के जीवन को कैसे और बेहतर बनाएं.
शिवराज सिंह ने कहा कि इसके लिए मुझे ना ही गुमान है और न ही अहंकार है कि मैं ही सब कुछ जानता हूं. उन्होंने कहा कि या फिर मेरे ऑफिस में बैठने वाले आईएएस अफसर ही सब जानते हैं. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में ज्ञान जहां से भी बेहतर मिले, वहां से लेना चाहता हूं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -