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UP Assembly Election: बदलने वाली है बसपा की सियासत, डबल पावर के साथ आकाश आनंद की हुई वापसी; इस वजह से मायावती ने भतीजे को दोबारा सौंपी जिम्मेदारी
Akash Anand Return: BSP ने आकाश आनंद को दोबारा पार्टी का कोऑर्डिनेटर बना दिया है वह भी ज्यादा पावर के साथ. यह भी तय हो गया है कि आप विरासत वही संभालने वाले हैं. साथ ही समीक्षा में अहम भूमिका निभाएंगे.

मायावती ने किस वजह से आकाश आनंद की कराई वापसी
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बसपा ने आकाश आनंद को दोबारा पार्टी का कोऑर्डिनेटर बना दिया है वह भी ज्यादा पावर के साथ. यह भी तय हो गया है कि आप विरासत वही संभालने वाले हैं. बसपा सुप्रीमो ने यह भी कहा कि पूरे देश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी भी आकाश आनंद के ऊपर होगी. इसी के साथ-साथ चुनाव में समीक्षा का प्रभार भी उन्हीं के पास होगा.
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चुनाव के दौरान उन्हें अपरिपक्व बताकर मायावती ने उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया था, लेकिन अब चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें एक्स्ट्रा पावर के साथ नई जिम्मेदारियां भी सौंप दी है. लोकसभा चुनाव का आकलन करें तो यह दिखेगा कि उस समय मायावती का लिया हुआ फैसला अराजनीतिक रूप से सही था.
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मायावती ने जब आकाश आनंद को चुनाव प्रचार के लिए लॉन्च किया तो उनकी पहली सभा उत्तर प्रदेश की नगीना में थी. यह वही सीट है जहां से भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण लोकसभा सीट जीतकर संसद में गए हैं. यहां पर आकाश आनंद का भाषण तो जोरदार रहा. बड़ी वाहवाही हुई, लेकिन इस सीट पर बसपा का उम्मीदवार चौथे नंबर पर रहा. 13 हजार से भी कम वोट मिले. बसपा और चंद्रशेखर आजाद का वोट डिफरेंस लगभग 5 लाख वोटों का था.
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आकाश आनंद ने कई जनसभाएं की. बहुत वाहवाही हुई, लेकिन जब रिजल्ट आया तो पता चला कि बसपा कहीं से कहीं तक दिखाई नहीं दी. कुल मिला के आकाश आनंद का इंपैक्ट बहुजन में तो था, लेकिन सीटों और वोटों में नहीं बदल पाया. यह बात मायावती को दिख गई थी और यही कारण था कि उन्होंने आकाश आनंद को वह परिपक्व कहकर आकाश आनंद को पद से हटा दिया था.
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बीते चुनाव में आकाश आनंद के पास कोई प्रभार नहीं था. वह सिर्फ उत्तर प्रदेश में प्रचार कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें दुगनी ताकत के साथ पार्टी में वापस लाया गया है और मायावती ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए यह भी कहा आगे से हर मीटिंग, हर फैसले में या यू कहें की हर समीक्षा में आकाश आनंद अहम भूमिका निभाएंगे. मायावती ने यह भी कहा कि बहुत से कार्यकर्ताओं ने आकाश आनंद की मीटिंग में अनुशासनहीनता बरती है, लेकिन अब अनुशासन के साथ आकाश आनंद के साथ होना होगा.
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अब आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की चयन आकाश आनंद ही करेंगे. यानी कि आप आकाश आनंद बसपा की करता धर्ता होने जा रहे हैं और हो भी क्यों ना एक तरफ चंद्रशेखर आजाद संसद पहुंच चुके हैं तो मायावती भी आकाश आनंद के भरोसे अपनी आगे की सियासत करेगी. आकाश आनंद का प्रसेंस दलित युवाओं में ज्यादा है.
Published at : 24 Jun 2024 11:32 AM (IST)
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रामधनी द्विवेदीवरिष्ठ पत्रकार
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