Kawad Yatra: बीजेपी के सहयोगी दल के इस नेता ने CM पर बोला हमला, कहा- अब कुर्ते पर अपना नाम लिखना शुरू कर दें क्या
योगी आदित्यनाथ के कावड़ यात्रा में कांवड़ियों को लेकर दुकानों और ढाबों के आगे नेम प्लेट लगाने के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. विपक्षियों ने योगी आदित्यनाथ पर खूब निशाना साधा था तो वहीं उनके खुद के नेता भी इस बारे में बोलते नजर आए. इतना ही नहीं सहयोगी दलों ने भी बड़े-बड़े बयान दिए.
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View In Appबीजेपी के सहयोगी दल आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर बनाए गए नियम पर बड़ी प्रतिक्रिया दी है. पत्रकारों ने जब उनसे इस मामले को लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि वो कोई मुद्दा तो है नहीं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमारा स्टैंड वही है जो हमारे प्रदेश अध्यक्ष बोल चुके हैं.
जयंत चौधरी ने कहा की कांवड़ यात्रा में जाने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में सभी लोग लगते हैं. कावड़िया सेवा करने वालों से आशीर्वाद लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं. कोई किसी को नहीं पहचानता. कोई भी किसी जाति या धर्म की पहचान करके सेवा नहीं लेता है.
जयंत चौधरी ने कहा कि इस मामले को धर्म और जाति से तो बिल्कुल नहीं जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सब प्रतिष्ठान अपना नाम लिखें. उन्होंने कहा कि मलिक कोई और हो सकता है ब्रांड भी कुछ और हो सकता है. अब मैकडॉनल्ड क्या लिखेगा? यह तो पुराने ब्रांड है और उसके कई मालिक हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि ज्यादा सोच समझ कर यह फैसला नहीं लिया गया है और अगर अब फैसला ले लिया है तो उसे पर टिके रहें. कभी कभी ऐसा सरकार से हो जाता है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई जोर जबरदस्ती और प्रशासन का कोई दबाव किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जहां तक शाकाहारी और मांसाहारी की बात है तो उस बात में सेंस है. जयंत चौधरी ने कहा कि यदि कोई शाकाहारी है तो उसे यह पता होना चाहिए कि जो वह जो खा रहा है उसमें सारे पदार्थ शाकाहारी हैं. जो प्रक्रिया है उसे बनाने की वह वेजिटेरियन हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किस हाथ से बन रही हो.
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग मुसलमान हैं, जो वेजिटेरियन है और बहुत हिंदू हैं जो नॉन वेजिटेरियन है. पत्रकारों द्वारा जब जयंत चौधरी से पूछा गया की टायर पंचर की दुकानों पर भी लोग नेम प्लेट लगा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि तो क्या अब कुर्ते में भी लिखना शुरू कर दें क्या अपना नाम. जिससे कि लोग नाम देखकर हाथ मिलाएं और गले लगे.
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