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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Narendra Modi Italy visit: नरेंद्र मोदी के इटली दौरे से कांग्रेस को पड़ा दौरा! जानें, किस 'डर' से INC हुई परेशान
ऐसा माना जाता है कि उन दस्तावेजों के जरिए जो खुलासा होता उससे भारत के प्रमुख राजनीतिक परिवार और बिचौलियों के पूरे नामों का खुलासा हो जाता, जिन्हें अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में 600 करोड़ रुपए से अधिक की रिश्वत मिली थी. मामले में भारत में इसको लेकर रिश्वत प्राप्त करने वालों के नाम इतालवी अदालत के दस्तावेजों में सील कर दिए गए.
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View In Appइस बीच, बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने सवाल किया कि जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी की इटली यात्रा के बारे में कांग्रेस लगातार क्यों शिकायत कर रही थी और उन्होंने यह भी डिटेल शेयर किए कि सबसे पुरानी पार्टी को क्या 'हैरान-परेशान' कर रहा है.
सूत्रों की मानें तो इटली ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले पर अपनी अदालत के 225 पृष्ठों के विस्तृत फैसले और रिश्वत घोटाले से जुड़े कुछ दस्तावेजों को भारत के साथ साझा किया है, जिससे साफ है कि ये दस्तावेज पूरे खेल को पलट सकते हैं और भारत में उच्च प्रोफाइल वाले राजनेताओं और बिचौलियों को उनके इस अपराध के लिए दंडित किया जा सकता है.
यह भी दावा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की हाल की इटली यात्रा से लौटने के बाद इस वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में जांच और अभियोजन गति पकड़ सकता है. दरअसल, 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी जब पहली बार पीएम बने थे उसके लगभग आठ महीने पहले इटली की अदालत ने भारत से जुड़े सबसे बड़े रिश्वत घोटालों में शामिल हाई प्रोफाइल कंपनी के सीईओ, इतालवी रक्षा कंपनी के अध्यक्ष और दो बिचौलियों सहित चार लोगों को दोषी ठहराते हुए फैसला सुनाया था.
हालांकि, मामले में वहां की अदालत में दर्ज अभियुक्तों के पूरे बयान, अपीलों का पूरा लेखा-जोखा और अदालत के अंतिम फैसले को 2013 में भारत के दबाव में तत्कालीन इतालवी सरकार की ओर से कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया था. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे भारत के राजनीतिक और नौकरशाही प्रतिष्ठानों में भूचाल आ सकता था.
हेलिकॉप्टर घोटाला भले ही भारत में अंजाम तक नहीं पहुंचा हो पर इटली की अदालत ने भारतीय समकक्षों को रिश्वत देने वालों को इस मामले में दोषी ठहराया है. अब बताया जा रहा है कि इटली की ओर से भारत को सौंपे गए सीलबंद इतालवी दस्तावेजों में रक्षा घोटाले में रिश्वत पाने वालों के नाम भी हैं, जिससे यूपीए-2 के दौरान सत्ता में बैठे लोगों के लिए खतरे की घंटी बजना तय है और सबसे बड़े रक्षा घोटालों में से एक, जो एक दशक तक दबा रहा, वह अब बाहर आने के लिए तैयार नजर आ रहा है.
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला यूपीए-2 शासन का करप्शन केस (भ्रष्टाचार का मामला) है. इसमें बिचौलियों और शायद राजनेताओं को भी रिश्वत दी गई थी, क्योंकि भारत ने इटली के रक्षा विनिर्माण दिग्गज फिनमैकेनिका की ओर से अनुमानित लागत पर 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने का 3,600 करोड़ रुपए का सौदा किया था.
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