'बंटेंगे तो कटेंगे' योगी वाला नारा, महाराष्ट्र में उल्टा पड़ेगा, वरिष्ठ पत्रकार की BJP को चेतावनी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के हालात को लेकर एक नारा दिया था. इस नारे से मिलती जुलती बात पीएम मोदी ने कही. साथ ही RSS प्रमुख मोहन भागवत और दत्तात्रेय होसबले ने भी इस नारे का समर्थन किया.
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View In Appइस पर वरिष्ठ पत्रकार विजय विद्रोही ने कहा कि ये नारा सालों से चलता आ रहा है लेकिन अभी तक ये नारा सच साबित नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा ऐसे में 2 बड़े सवाल उठते हैं कि क्या ये नारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने में सफल होगा? या फिर बीजेपी का ये नारा उल्टा उनके ऊपर ही फायर बैक कर जाएगा.
उन्होंने आगे कहा ये नारा अपने आप में घोर सांप्रदायिक है, घोर विभाजनकारी है, जानलेवा है, आक्रामक है, धमकी भरा है. इस पर बीजेपी संघ का कहना है कि ये नारा हिंदू समाज को जोड़ने के लिए दिया गया है.
लोग जाति, धर्म आदि के नाम पर वोट मांगते हैं इसलिए ये नारा दिया गया. सीनियर जर्नलिस्ट ने ये भी बताया कि सबसे पहले जब ये नारा दिया गया था तब बीजेपी प्रवक्ताओं की ओर से कहा गया था कि ये नारा बांग्लादेश के संदर्भ में है, भारत का इससे लेना-देना नहीं है. भारत के हिंदुओं को इससे सीखना चाहिए कि जैसे बांग्लादेश में बंट गए तो कट गए ऐसे हिंदुस्तान में न हो जाए.
इसके बाद उन्होंने कहा कि ये नारा पूरे हिंदुस्तान के लिए है. विविधता में एकता वाला देश यानि उस समय बीजेपी संघ की नजर में मुस्लिम समुदाय भी शामिल था और अब संघ और बीजेपी दोनों ने हिंदू समाज, हिंदू समाज को बांटने आदि के नाम पर खुलकर बात करनी शुरू कर दी है. इससे पता चलता है कि दाल में कुछ काला है.
पत्रकार ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर महाराष्ट्र में बीजेपी जीत रही है, उसे संघ का पूरा साथ मिल रहा है, अगर ओबीसी की क्रीमी लेयर 8 लाख से बढ़ाकर 15 लाख कर दिया गया है तो फिर इस नारे की जरूरत क्यों पड़ी.
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