अपने करियर में काफी बुरे दौर से गुजरे हैं 'हीरामंडी' एक्टर अध्ययन सुमन, बोले- 'मैं जीना नहीं चाहता था'
अध्ययन सुमन ने पीटीआई से अपने करियर के डार्क फेज को याद किया इस दौरान एक्टर काफी इमोशनल हो गए और बोले ऐसे भी दिन थे जब वह टूट गए थे, ऐसे दिन थे जब वह हार मान लेना चाहते थे और घर से भाग जाना चाहते थे.
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View In Appहालांकि इस दौरान अध्ययन ने अमिताभ बच्चन को अपनी इंस्पीरेशन बताते हुए कहा आप मिस्टर बच्चन को देखें, शुरुआत से शुरू करके बिल्कुल नीचे तक जाना और फिर दोबारा सुपरस्टार बनना, तो अगर आप उनसे नहीं सीखते हैं, तो आप क्या सीखते हैं? इसलिए मैंने उनसे सीखा और आज मैं यहीं खड़ा हूं.”
अध्ययन ने कहा, 2009 से 2024 तक के 15 साल कठिन थे. उन्होंने कहा ऐसे भी दिन थे जब मैं टूट गया था, ऐसे भी दिन थे जब मैं हार मान लेना चाहता था और प्रोफेशन बदलना चाहता था. ऐसे भी दिन थे जब मैं शायद यहां रहना या रहना नहीं चाहता था, मुझे नहीं पता, बस घर से भाग जाना चाहता था.
उन्होंने आगे कहा, “ऐसे उत्तर थे जिनकी मैं तलाश कर रहा था लेकिन मुझे कोई नहीं मिल रहा था, जैसे मैं ही क्यों और ऐसा क्यों हो रहा है? मुझे नहीं लगता कि कोई इसका जवाब दे सकता है.''
अध्ययन ने आगे कहा, उनेके माता-पिता का प्यार और उनका उनकी काबिलियत पर विश्वास ही उन्हे आगे बढ़ने में मदद करता रहा.
एक्टर बोले, मैं हर दिन खुद को आईने में देखता हूं और मैं वास्तव में जानता हूं कि मैं कौन हूं और मेरी लाइफ में क्या स्किल हैं. तो मैंने बस इतना कहा 'आप जानते हैं, यह कठिन है लेकिन आप बस वही करना चाहते हैं जो आपको करना है.' और फिर आप अन्य सभी लोगों को देखें.'
वहीं अध्ययन को अब उम्मीद है कि संजय लीला भंसाली की एपिक सीरीज हीरामंडी: द डायमंड बाज़ार के साथ उनका मुश्किल ख़त्म हो जाएगा. इस सीरीज में उनके पिता शेखर सुमन भी अहम किरदार निभाते नजर आएंगें.
अभिनेता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 1 मई के बाद उनके लिए चीजें बदल जाएंगी, जब पीरियड ड्रामा सीरीज़ नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीमिंग शुरू होगी.
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