Bollywood Villains: मिस्टर इंडिया के मोगैंबो से अग्निपथ के कांचा तक, अपनी खलनायकी से पर्दे पर आग लगा चुके हैं ये स्टार्स
बॉलीवुड में जब भी फिल्मों की सफलता की बात होती है तो अक्सर हीरो हीरोइन का ही जिक्र होता है. हालांकि फिल्मों में हीरो के साथ साथ विलेन का भी अहम रोल होता है. कई फिल्में तो ऐसी रह हैं जिनके हीरो को भले ही लोग भुला चुके हों लेकिन विलेन का किरदार दर्शकों के जहन में आज भी ताजा हैं. चलिए जानते हैं उन कलाकारों की खलनायकी के बारे में..
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View In App'तेरा क्या होगा कालिया', 'ये हाथ हमको दे दे ठाकुर' और 'कितने आदमी थे' जैसे गब्बर के मशहूर डायलॉग आज भी अमर हैं. गब्बर का किरदार अमजद खान ने निभाया था.
फिल्म मिस्टर इंडिया का डायलॉग 'मोगैंबो खुश हुआ..' आज भी मशहूर है. फिल्म में अमरीश पुरी ने अपने निगेटिव रोल में ऐसी जान फूंकी थी कि हीरो से ज्यादा फिल्म का मोगैंबो आज लोगों को याद है.
खलनायक के रूप में बॉलीवुड में शाकाल का किरदार आज भी सबसे ज्यादा मशहूर है. इस किरदार को निभाने वाले कुलभूषण खरबंदा हैं, जिन्हें आखिरी बार मिर्जापुर-2 में देखा गया है.
फ़िल्म 'अग्निपथ' में संजय दत्त ने विलेन 'कांचा चीना' के किरदार से लोगों के बीच खलबली मचा दी थी. फिल्म की कहानी से ज्यादा संजय दत्त के किरदार को पसंद किया गया था.
हिंदी सिनेमा के महान खलनायकों में से एक नाम डैनी डेन्जोंगपा का भी है, जो 80 और 90 के दशक में अपनी दमदार खलनायकी के लिए मशहूर रहे हैं.
आशुतोष राणा ने साल 1999 में आई फिल्म संघर्ष में मानसिक हत्यारे लज्जा शंकर पांडे की भूमिका निभाई थी. अपनी खलनायकी को लेकर वह भी काफी मशहूर रह चुके हैं.
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