खुद को फिल्म से निकालने की दुआ मांगता था ये एक्टर, फिर राइटर बनकर बनाया नाम, सलमान से है खास रिश्ता
बात कर रहे हैं बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म राइटर्स में शुमार सलीम खान की. जिन्होंने कई ऐसी फिल्में लिखी हैं जो वक्त के साथ कल्ट बन गई. एक वक्त था जब सलीम-जावेद की जोड़ी को हिट फिल्म की गारंटी माना जाता था. शोले से लेकर दीवार और जंजीर जैसी फिल्मों के साथ उन्होंने ना सिर्फ नाम कमाया बल्कि अपनी कलम का लोहा भी मनवाया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सलीम खान ने एक्टिंग में भी हाथ आजमाया था. कुछ फिल्मों में कोशिश के बाद उन्होंने एक्टिंग से तौबा कर ली थी. जानिए क्यों..
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View In Appदरअसल अपने एक्टिंग एक्सपीरियंस को लेकर खुद सलीम खान ने बताया था. कपिल शर्मा के शो पर सलीम खान अपने तीनों बेटों सलमान, अरबाज और सोहेल के साथ पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने उस दौर का भी जिक्र किया जब उन्होंने एक्टिंग में हाथ आजमाने की ठानी थी और फिर आखिरकार इससे तौबा कर ली थी.
सलीम खान ने शो के दौरान बताया था कि मुझे पहला रोल एक फिल्म में विलेन का मिला था. ये फिल्म का मुख्य विलेन नहीं बल्कि उसका साइड कैरेक्टर था. मुझे कहा गया था कि जब सीन में फिल्म के हीरो की एंट्री हो तो मुझे उसे देखकर ऐसा एक्सप्रेशन देना है जैसे किसी चीज को निगलना होता है. ये सीन काफी आसान था और मैंने इसे अच्छे तरीके से कर भी लिया था.
लेकिन यहां एक प्रॉब्लम ये आई कि हीरो ही सेट से गायब था. ऐसे में फिल्म के डायरेक्टर ने उसे फोन किया तो उसने कहा बस आ रहा हूं आप लोग प्रैक्टिस करिए. डायरेक्टर मेरे पाया आया और एक्सप्रेशन करके दिखाने को कहा. लेकिन ये दोहराते हुए सुबह से दोपहर हो गई और हीरो नहीं पहुंचा. आखिर में ये हुआ कि जब शॉट लेने का वक्त आया तो मेरा गला ही चोक हो चुका था. सलीम खान बताते हैं कि मुझे पानी पिलाकर गला ठीक करने की कोशिश की लेकिन वो बाहर निकल गया.
वहीं एक्टिंग का अपनी दूसरी फिल्म का अनुभव बताते हुए सलीम खान ने कहा कि इस फिल्म में मुझे एक प्रिंस को किरदार निभाना था. इसके लिए मुझे स्पेशल जूते दिए गए लेकिन ये मेरे साइज से छोटे थे. मैंने फिल्म के क्रू को बताया भी लेकिन किसी ने नहीं सुना और मुझे जूते पैरों में फंसा दिए गए और बोले देखो ये तो फिक्स हो गए.
इसके बाद शॉट में काफी वक्त लगा और मेरे पैर टाइट जूतों की वजह से सूज गए. जब शॉट खत्म हुआ तो ये फंस चुके थे और मैंने कहा कि अब ये जूते उतारो. सबने मिलकर कोशिश की लेकिन ये जूते नहीं निकल पाए.
इसके बाद सब वहां से मुझे छोड़कर निकल लिए. इसके ऊपर ये कि उस दिन मेरे पास गाड़ी भी नहीं थी. मैं पैदल ही घर पहुंचा तो ये और फंस चुके थे. नौकरों ने जूता निकालने की नाकाम कोशिश की और आखिर में मुझे जूते पहने हुए ही तकिया रखकर सोना पड़ा. इसके बाद तो मैं दुआ करने लगा कि मुझे कोई फिल्मों में ना ले औऱ जिन्होंने ले लिया वो निकाल दें.
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