क्रैश डाइट ने ले ली श्रीदेवी की जान, मौत के सालों बाद खुद पति Boney Kapoor ने खोले कई राज, आप भी करते हैं तो रहें सावधान!
बता दें कि श्रीदेवी का 24 फरवरी 2018 को 54 साल की उम्र में दुबई में अचानक निधन हो गया था. दिग्गज एक्ट्रेस के अचानक निधन ने हर किसी को शॉक्ड कर दिया था.
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View In Appवहीं हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बोनी कपूर ने श्रीदेवी के निधन के पांच साल बाद उनकी मौत की वजह का हैरान कर देने वाला खुलासा किया है.
बोनी ने बताया कि श्रीदेवी (sridevi) मौत से पहले अपना वजन घटाने के लिए क्रैश डाइट कर रही थीं. क्रैश डाइट करने से उनकी सेहत को काफी नुकसान हुआ था.
बोनी ने खुलासा किया था, “श्रीदेवी अक्सर भूखी रहती थीं, वह अच्छी दिखना चाहती थी. वह यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि वह अच्छी स्थिति में रहे, ताकि स्क्रीन पर वह अच्छी दिखे.
बोनी ने बताया जब से उनकी मुझसे शादी हुई थी, तब से उसे कुछ मौकों पर उन्हें ब्लैकआउट की समस्या हुई और डॉक्टर कहते रहे कि उसे लो बीपी की प्रॉब्लम है.”
चलिए जानते हैं कि आखिर क्रैश डाइट क्या होती है जिसकी वजह से श्रीदेवी की जान चली गई.
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जल्द वजन घटाने के लिए क्रैश डाइट काफी फॉलो की जाती है. इसमें डाइटिंग करने वाला बेहद कम कैलोरी खाकर वजन कंट्रोल करता है. जैसे एक हेल्दी इंसान के लिए एक दिन में करीब 2500 कैलोरी की जरूरत होती है. जबकि क्रैश डाइट करने वाला एक दिन में केवल 700 से 900 कैलोरी का ही इनटेक करता है.
क्रैश डाइट करके एक हफ्ते में तीन किलो तक वजन कम किया जा सकता है. क्रैश डाइट में कुछ लोग नमक बिलकुल नहीं खाते हैं, इसके अलावा दिन के कैलोरी इनटेक में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भी बहुत ही कम लेते हैं, इसी के चलते हफ्ते भर में बहुत ज्यादा वेट लूज किया जा सकता है.
क्रैश डाइट को सेलेब्स कुछ ज्यादा ही फॉलो करते हैं लेकिन इसके काफी साइड इफेक्ट्स हैं. क्रैश डाइट में बॉडी को बहुत कम न्यूट्रिशएन मिलता है ऐसे में ये सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होती है. अगर पहले से किसी को कोई बीमारी है तो क्रैश डाइट जानलेवा भी हो सकती है. बीपी की समस्या वाले लोगों के लिए भी क्रैश डाइट काफी खतरनाक होती है.
अगर कोई लॉन्ग टाइम तक क्रैश डाइट फॉलो कर रहा है तो उसे डिप्रेशन, एंग्जाइटी, मसल्स लॉस, कमजोर हड्डियों, हेयर लॉस, डायबिटीज के रिस्क रहते हैं और नींद ना आने की पॉब्ल्म हो सकती है. साथ ही ईटिंग डिसऑर्डर, कमजोरी, डिहाइड्रेशन और एनीमिया जैसी समस्याएं भी फेस करनी पड़ सकती हैं.
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