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Dev Anand Struggle: महज 30 रुपए लेकर मुंबई आए के देव आनंद...स्टेशन पर काटी कई रातें, जानिए फिर कैसे बने इंडस्ट्री के सुपरस्टार
Dev Anand Life: एक्टर देव आनंद आज भले ही इस दुनिया में ना हो लेकिन फैंस के दिलों में हमेशा एक्टर की यादें बसी रहेगी. आज हम एक्टर आपको एक्टर का फर्श से अर्श तक के संघर्ष के बारे में बताने जा रहे हैं.

जानिए देव आनंद के स्ट्रगल की कहानी
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देव आनंद का जन्म साल 1923 में 26 दिसंबर को पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था. उनके पिता वकील थे और एक्टर ने अपनी पढ़ाई लाहौर से की थी.
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हालांकि बचपन से ही देव आनंद को हीरो बनने का शौक था. यही वजह थी कि उन्होंने 24 साल की उम्र में मुंबई में कदम रखा. आर्थिक तंगी की वजह से देव आनंद सिर्फ 30 रुपए लेकर मुंबई आए थे. इसलिए एक्टर का शुरुआती सफर काफी परेशानियों से गुजरा.
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एक्टर अपनी लाइफ में ऐसा दौर भी देखा था जब पैसा ना होने के चलते वो रेलवे स्टेशन पर रातें गुजारते थे. फिर देव आनंद गुजारे के लिए पैसे कमाने के बारे में सोचा और उन्होंने मिलिट्री सेंसर ऑफिस में लिपिक की नौकरी की. जहां देव का काम सैनिकों की चिट्ठियों को उनके परिवार को पढ़कर सुनाना होता था.
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फिर काफी संघर्षों के बाद देव की जिंदगी में वो पल आया जिसका उन्हें बचपन से इंतजार था. साल 1946 में उनको अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म मिली. जिसका नाम ‘हम एक है’ था. ये फिल्म प्यारेलाल संतोषी बनाई थी. फिर एक्टर को ठीक दो साल बाद फिल्म ‘जिद्दी’ में लीड रोल निभाने का मौका मिला. ये फिल्म और उसके गाने खूब हिद और देव आनंद स्टार बन गए.
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इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा. अपने लंबे करियर ने देव ने हिंदी सिनेमा की 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. जिसमें ‘गाइड’, ‘हरे कृष्णा हरे राम’, ‘देस परदेस’, ‘ज्वेल थीफ’ और ‘जॉनी मेरा नाम’ जैसी फिल्में शामिल है.
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बता दें कि देव आनंद को साल 1991 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और साल 2001 में पद्म भूषण से नवाजा गया था. इसके अलावा उन्हें हिंदी सिनेमा का सबसे बड़ा दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भी मिल चुका है.
Published at : 20 May 2023 06:05 PM (IST)
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