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मां पारसी, पिता मुस्लिम.... इंटरफेथ घराने में कैसे हुई फरहान अख्तर की परवरिश? एक्टर ने बताई अंदर की बात
Farhan Akhtar On Growing Up In Interfaith Home: फरहान अख्तर ने हाल ही में अपनी परवरिश पर बातचीत की है. अभिनेता ने बताया कि कैसे इंटरफेथ घराने में उनकी परवरिश हुई.
![Farhan Akhtar On Growing Up In Interfaith Home: फरहान अख्तर ने हाल ही में अपनी परवरिश पर बातचीत की है. अभिनेता ने बताया कि कैसे इंटरफेथ घराने में उनकी परवरिश हुई.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/93c844ff2d73635b535f95a58b2f3f4317248560318981014_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Farhan Akhtar On Growing Up In Interfaith Home: फरहान अख्तर अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल ही में उन्होंने अपनी परवरिश को लेकर बात की है. अभिनेता ने बताया कि भले ही उनकी मां पारसी और पिता मुस्लिम थे, लेकिन उनकी परवरिश में कभी भी कोई धर्म आड़े नहीं आया है. फरहान अख्तर ने हाल ही में बताया कि कैसे उनके माता-पिता जावेद अख्तर और हनी ईरानी ने उन्हें धर्म की परवाह किए बिना पाला.
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![फरहान अख्तर ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें अपने आस-पास की हर चीज पर सवाल उठाना सिखाया. फरहान ने यह भी कहा कि कैसे किसी खास धर्म को न मानने के बावजूद उन्होंने हर त्योहार- होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस को उसी उत्साह के साथ मनाया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/59b2900aa03cb2182a51cdb520b535b62ca7d.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
फरहान अख्तर ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें अपने आस-पास की हर चीज पर सवाल उठाना सिखाया. फरहान ने यह भी कहा कि कैसे किसी खास धर्म को न मानने के बावजूद उन्होंने हर त्योहार- होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस को उसी उत्साह के साथ मनाया है.
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![फेय डिसूजा के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर बातचीत में फरहान ने कहा, ‘मेरे पिता ने मुझे बिना किसी धर्म के पाला और हर चीज पर सवाल उठाना सिखाया.'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/9eb60bc8bf2b004e4db7d1cc0d5f1d8cda70c.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
फेय डिसूजा के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर बातचीत में फरहान ने कहा, ‘मेरे पिता ने मुझे बिना किसी धर्म के पाला और हर चीज पर सवाल उठाना सिखाया.'
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!['जब आप बिना किसी धर्म के बड़े होते हैं तो आप अपने आप ही हर चीज पर सवाल उठाने लगते हैं.’ फरहान आगे कहते हैं, ‘मेरे पिता ने हमें कभी नहीं कहा कि भगवान में विश्वास मत करो, हमने बस वही किया जो हमने देखा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/c00b57557743e709b8b96933432e0dfa4becd.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
'जब आप बिना किसी धर्म के बड़े होते हैं तो आप अपने आप ही हर चीज पर सवाल उठाने लगते हैं.’ फरहान आगे कहते हैं, ‘मेरे पिता ने हमें कभी नहीं कहा कि भगवान में विश्वास मत करो, हमने बस वही किया जो हमने देखा.
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![एक्टर ने आगे कहा- 'ये चीजें जरूरी हैं क्योंकि किसी चीज को साबित करने से पहले ही यह कहा जा सकता है कि यह एक फैक्ट है या फिर एक थ्योरी है.'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/7b6fbd4c592d356e087a0f1053751007d4f84.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
एक्टर ने आगे कहा- 'ये चीजें जरूरी हैं क्योंकि किसी चीज को साबित करने से पहले ही यह कहा जा सकता है कि यह एक फैक्ट है या फिर एक थ्योरी है.'
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![वे कहते हैं- 'अरबों लोग आस्था के सहारे जीते हैं और यह अजीब है कि आस्था रखने वाले लोगों को जो सुकून मिलता है, आस्था न रखने वाले लोगों के लिए वह पाना बहुत मुश्किल है.'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/d642f8c3d2d6c1ab174d170d2dc8ed7808764.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वे कहते हैं- 'अरबों लोग आस्था के सहारे जीते हैं और यह अजीब है कि आस्था रखने वाले लोगों को जो सुकून मिलता है, आस्था न रखने वाले लोगों के लिए वह पाना बहुत मुश्किल है.'
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![फरहान ने त्योहारों से जुड़े अपने बचपन के एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए कहा, ‘बचपन में त्योहार धर्म के सबसे बेहतरीन पहलू थे, क्योंकि इसमें आप अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करते थे और खाने के लिए सबसे बढ़िया चीजें मिलती थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/1e412544122065c25107eadecd8208c79ed5b.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
फरहान ने त्योहारों से जुड़े अपने बचपन के एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए कहा, ‘बचपन में त्योहार धर्म के सबसे बेहतरीन पहलू थे, क्योंकि इसमें आप अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करते थे और खाने के लिए सबसे बढ़िया चीजें मिलती थीं.
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![वे बताते हें- 'मेरी मां और हम हर त्योहार घर पर मनाते थे होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस और हर त्योहार को उतनी ही धूमधाम से मनाया जाता था. मुझे लगता है कि त्योहार धार्मिक चीज से ज्यादा सांस्कृतिक हैं. यह ऐसा है जैसे आप किसी संस्कृति का जश्न मना रहे हैं.'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/28/c9baca3cda1c39194c04fe2170c3da65726a2.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वे बताते हें- 'मेरी मां और हम हर त्योहार घर पर मनाते थे होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस और हर त्योहार को उतनी ही धूमधाम से मनाया जाता था. मुझे लगता है कि त्योहार धार्मिक चीज से ज्यादा सांस्कृतिक हैं. यह ऐसा है जैसे आप किसी संस्कृति का जश्न मना रहे हैं.'
Published at : 28 Aug 2024 08:17 PM (IST)
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