‘Kabul Express’ से लेकर ‘The Outpost’ तक, वो फिल्में जिन्होंने अफगानिस्तान के संघर्ष को बड़े पर्दे पर दिखाया
अफगानिस्तान में तालिबानी कहर की तस्वीरें पूरी दुनिया देख रही है. अफगान लोगों को भविष्य अधर में लटका हुआ है और देश के अंदर हालात लगातार बदल रहे हैं. फिल्मी पर्दे पर भी पिछले कई दशकों से अफगानिस्तान की कहानियों को पर्दे पर उतारा गया है. लंबे वक्त से युद्ध झेल रहे इस देश से निकली कहानियों पर अनगिनत वॉर फिल्में बनी हैं. इसके अलावा कई अच्छी कहानियां भी फिल्मों में दिखी हैं. ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में आज आपको बताएंगे.
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View In Appव्हिस्की टैंगो फॉक्सट्रोट - टीना फे के साथ, 'व्हिस्की टैंगो फॉक्सट्रॉट' युद्ध संवाददाता और पत्रकार किम बार्कर के संस्मरण 'द तालिबान शफल' पर आधारित एक कॉमेडी फिल्म है. इसमें मार्गोट रोबी, मार्टिन फ्रीमैन और बिली बॉब थॉर्नटन भी हैं. ये फिल्म काबुल के युद्धग्रस्त क्षेत्र में कहानियों को कवर करने वाले पत्रकारों की कठिनाइयों के बारे में बताती है.
द किल टीम - निर्देशक डैन क्रॉस अफगानिस्तान में सेवा कर रहे उन सैन्य सैनिकों के हाथों युद्ध अपराधों के बारे में बताने से कभी पीछे नहीं हटते हैं, जिन्होंने अपने लोगों की रक्षा करने की शपथ ली है. फिल्म मेवंड जिले में 2010 की एक घटना की कहानी बताती है जिसमें अमेरिकी सेना की एक इकाई ने कथित तौर पर अफगान नागरिकों की हत्या कर दी थी और शरीर के अंगों को ट्रॉफी के रूप में एकत्र किया था.
आउटपोस्ट - निर्देशक रॉड लुरी ने साल 2009 में हुई कामदेश की लड़ाई पर ये फिल्म बनाई थी. इसमें दिखाया गया था कि तालिबान के हमले से एक आउटपोस्ट कैसे बच पाई. फिल्म में Staff Sgts पर फोकस किया गया था. इसमें क्लिंट रोमेशा की भूमिका स्कॉट ईस्टवुड द्वारा निभाई गई, और टाइ कार्टर, कालेब लैंड्री जोन्स द्वारा निभाई गई, जिन्हें हमले के दौरान उनके कार्यों के लिए मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था.
द ब्रेडविनर - एनिमेटेड क्लासिक 'द ब्रेडविनर' परवाना नाम की एक लड़की की कहानी है जो तालिबान शासित काबुल में अपने परिवार के साथ रहती है. अपने पिता के कैद होने के बाद, युवा लड़की को अपने परिवार के लिए कुछ पैसे कमाने के लिए लड़का बनना पड़ता है.
12 स्ट्रॉन्ग - '12 स्ट्रॉन्ग' में क्रिस हेम्सवर्थ एक सीक्रेट मिशन पर ग्रीन बेरेट्स ओडीए 595 यूनिट का नेतृत्व कर रहे हैं, जो 9/11 के आतंकी हमलों के बाद अफगानिस्तान पर औपचारिक आक्रमण से पहले था. ये फिल्म एक बुक से प्रेरणा लेकर बनाई गई है.
काबुल एक्सप्रेस - बॉलीवुड निर्देशक कबीर खान द्वारा अभिनीत काबुल एक्सप्रेस में हमें 48 घंटों की एक रोमांचक कहानी दिखती है. फिल्म में पांच लोगों की कहानी देखने को मिलते है जो बाद में एकसाथ मिलकर दुश्मनों का सामना करते हैं.
वॉर मशीन – ये फिल्म विवादास्पद किताब 'द ऑपरेटर्स: द वाइल्ड एंड टेरिफिंग इनसाइड स्टोरी ऑफ अमेरिकाज वॉर इन अफगानिस्तान' पर आधारित है. इसमें निर्देशक डेविड मिचॉड ने युद्ध को दिखाया है.
टैक्सी टू द डार्क साइड - 'टैक्सी टू द डार्क साइड' इसमें अफगानों पर अमेरिकी सेना का किया हुआ टार्चर दिखाया गया है. एलेक्स गिबनी द्वारा निर्देशित इस डॉक्यूमेंट्री ने ऑस्कर भी जीता था.
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