Jagjit singh Birth Anniversary: श्रीगंगानगर का यह लड़का कैसे बना गजल की दुनिया का सम्राट? अलहदा है संघर्ष की यह कहानी
गजल सम्राट जगजीत सिंह की आज बर्थ एनिवर्सरी है. 8 फरवरी 1941 के दिन राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे जगजीत का संगीत से ताल्लुक बचपन में ही हो गया था.
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View In Appदरअसल, जगजीत के पिता सरदार अमर सिंह धमानी संगीत में रुचि रखते थे. अपने करियर को रफ्तार देने के मकसद से 1965 में जगजीत मुंबई आ गए, लेकिन यहां से उनके संघर्ष की असली शुरुआत हुई.
बताया जाता है कि शुरुआत में पेट पालने के लिए जगजीत सिंह ने छोटी-छोटी संगीत सभा और कार्यक्रमों में गाने गाए. इसके अलावा फिल्मी पार्टियों को भी अपनी आवाज से सजाया.
जगजीत के बॉलीवुड करियर की शुरुआत 1994 में फिल्म 'अविष्कार' के गाने 'बाबुल मोरा नैहर' से हुई. इसके बाद 1976 में रिलीज पहली एलबम 'द अनफॉरगेटेबल्स' ने उनके करियर को रफ्तार दे दी.
संगीत की दुनिया में जगजीत और चित्रा सिंह की जोड़ी ने इस कदर जुगलबंदी की कि यह जोड़ी असल जिंदगी में भी बन गई. हालांकि, यह जगजीत की दूसरी शादी थी.
गजल सम्राट की जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया, जब उन्होंने छह महीने तक संगीत को ही अलविदा कह दिया. दरअसल, 1990 के दौरान कार दुर्घटना में उन्होंने अपने 18 साल के इकलौते बेटे विवेक को खो दिया.
'झुकी-झुकी सी नजर, 'तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो', 'तुमको देखा तो ये ख्याल आया', 'ये दौलत भी ले लो' और 'चिठ्ठी न कोई संदेश' जैसी तमाम गजलों से आज भी लोगों के दिलों पर राज करने वाले जगजीत सिंह 10 अक्तूबर 2011 के दिन इस दुनिया को अलविदा कह गए.
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