जब शादीशुदा होते हुए इस एक्ट्रेस के प्यार में पड़े थे गुरुदत, तीन जिंदगी हुईं थी तबाह, जानें एक अधूरी प्रेम कहानी
गुरुदत्त बॉलीवुड को ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’, ‘चौदहवीं का चांद’ और ‘साहेब बीवी और गुलाम’ जैसे ब्लॉकबस्टर फिल्में देने के लिए जान जाते हैं. इन्हीं फिल्मों के सेट पर उनकी मुलाकात फेमस गायिका गीता दत्त से हुई.
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View In Appउस वक्त गुरुदत्त सिंगर गीता की खूबसूरती पर फिदा हो गए थे और गीता भी गुरुदत्त की फिल्मों की कायल थी. धीरे-धीरे दोनों की मुलाकाते बढ़ने लगी और फिर इनकी शादी हो गई. हालांकि दोनों के परिवार उनकी शादी खिलाफ थे.
शादी के बाद गीता और गुरुदत्त तीन बच्चों तरुण दत्त, अरुण दत्त और नीना दत्त के पेरेंट्स बने. लेकिन चार साल बाद कपल के बीच मनमुटाव होने लगा और फिर एक दिन गीता अपने पति गुरुदत्त को छोड़कर चली गई.
कहा जाता है कि जब गीता ने गुरुदत्त को छोड़ दिया था उनका दिल एक्ट्रेस वहीदा रहमान पर आ गया. दोनों के बीच नजदीकियां फिल्म ‘सीआईडी’ के दौरान बढ़ी. जो साल 1956 में रिलीज हुई थी. वहीदा रहमान से एक्टर को इस कदर प्यार हो गया कि वो उनके लिए सबकुछ छोड़ने को तैयार हो गए. इस बात से एक्टर की पत्नी गीता बहुत परेशान रहने लगी थी.
फिर क्या था गीता ने एक दिन ये ठान ली कि वो गुरुदत्त को वहीदा के साथ रंगे हाथों पकड़ेंगी. इसके लिए उन्होंने एक जान भी बिछाया. दरअसल गीता ने गुरुदत्त को खत लिखा जो एक्टर के पास वहीदा के नाम से पहुंचा था. गीता ने उस खत में लिखा था कि, ‘मैं आपसे बात करना चाहती हूं, सुध-बुध खो चुकी हूं, ना जाने आपने क्या कर दिया.” खत के आखिर में मिलने का वक्त दिया गया था.
जब गुरुदत्त ने ये खत पढ़ा तो वो बहुत हैरान हुए क्योंकि वहीदा से उनकी मुलाकात हर रोज सेट पर हो रही थी. इसलिए उन्होंने अपने दोस्त अबरार अलवी से खत के बारे में बात की. खत को पढ़ने के बाद अबरार ये समझ गए थे कि वो खत वहीदा ने नहीं लिखा है.
लेकिन खत को पढ़ने के बाद गुरुदत्त के मन में खलबली मच गई कि आखिर कौन उन्हें वहीदा के नाम से बुला रहा. ये जानने के लिए वो अबरार के साथ नरीमन प्वाइंट पहुंचे. जहां पर उन्हें गीता और उनकी दोस्त मिली.
गीता को वहां देख गुरुदत्त इस कदर बौखला गए थे कि उन्होंने अपनी पत्नी पर हाथ उठाया था. अपना ये अपमान गीता सह ना सकी और इस घटना के बाद वो गुरुदत्त से हमेशा के लिए अलग हो गई.
हालांकि पत्नी से अलग होकर भी गुरुदत्त वहीदा रहमान को अपना ना बना सके. कहा जाता है कि कुछ वक्त रिश्ते में रहने के बाद वहीदा भी उनसे दूर हो गई थी. क्योंकि वो एक्टर के पजेसिव नेचर से परेशान हो चुकी थी.
वहीदा से दूर होने के बाद गुरुदत्त ने शराब को अपना सहारा बना लिया. फिर 10 अक्टूबर 1964 के दिन अचानक उनकी मौत हो गई. आखिरी शाम गुरुदत्त ने अपने दोस्त अबरारा के साथ बिताई थी.
वहीं ‘गुरुदत्त द अनसेटिसफाइड स्टोरी’ किताब में किए गए जिक्र के अनुसार, एक बार गीता दत्त ने वहीदा रहमान पर जमकर भड़ा निकाली थी. उन्होंने कहा था कि, ‘जब से वो हमारी जिंदगी में आई है, तब से जिंदगी नर्क हो गई है’.
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