Birthday Special: कभी आइटम नंबर करती थीं वहीदा रहमान, फिर ठहराया जाने लगा गुरुदत्त की मौत का जिम्मेदार
3 फरवरी 1938 के दिन तमिलनाडु के चेंगलपट्टू में जन्मी वहीदा रहमान आज अपना 85वां जन्मदिन मना रही हैं. 60 और 70 के दशक में उन्होंने अपनी शानदार अदाकारी, डांस-एक्टिंग और खूबसूरती से लाखों दिलों पर राज किया.
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View In Appवहीदा हिंदी सिनेमा के अलावा तमिल, तेलुगू, मलयालम और बंगाली फिल्मों में भी अपना जलवा दिखा चुकी हैं. उन्हें दो बार फिल्मफेयर अवॉर्ड, नेशनल अवॉर्ड, पद्मश्री और पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है.
वहीदा रहमान ने 50 के दशक में तेलुगू फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी. उस वक्त वह ज्यादातर आइटम नंबर करती थीं.
एक दिन गुरुदत्त की नजर उन पर पड़ी और यहीं से वहीदा की किस्मत पलट गई. गुरुदत्त उन्हें हिंदी सिनेमा में ले आए. इसके बाद वहीदा ‘सीआईडी’, ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’, ‘गाइड’, ‘नील कमल’, ‘राम और श्याम’, ‘तीसरी कसम’, ‘रंग दे बसंती’, ‘पार्क एवेन्यू’ जैसी हिट फिल्मों में नजर आईं.
एक वक्त ऐसा भी रहा, जब गुरुदत्त अपनी किसी फिल्म को वहीदा के बिना सोच भी नहीं पाते थे. हालांकि, 1963 में वह वहीदा को छोड़कर अपनी पत्नी गीता के पास लौट गए थे.
10 अक्टूबर 1964 के दिन गुरुदत्त ने आत्महत्या कर ली थी. उनकी मौत की वजह तो कभी स्पष्ट नहीं हुई, लेकिन कुछ लोगों ने इसका जिम्मेदार वहीदा को ही ठहराया.
कहा जाता है कि गुरुदत्त की मौत के बाद वहीदा को काम मिलना कम हो गया. लोग उन्हें फिल्में ऑफर करने से डरने लगे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.
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