Irrfan Khan Birthday Special: 'बीहड़ में बागी होते हैं डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में' ... इरफान खान के बर्थडे पर पढ़ें उनके ये 10 दमदार डायलॉग्स
बॉलीवुड (Bollywood) के दिवंगत अभिनेता इरफान खान (Irrfan Khan) इंडस्ट्री की ऐसी शख्सियत थे जिनकी यादें आज भी लोगों के ज़हन में जिंदा हैं. इरफान खान जब भी अपनी फिल्मों में डायलॉग बोलते थे तो उनके अंदाज ए बयां के लोग कायल हो जाते थे. इरफान खान का आज जन्मदिन (Irrfan Khan Birthday) है, अगर वो आज हमारे बीच होते तो 55 साल के हुए होते. एक्टर के जन्मदिन विशेष पर आज हम आपको इरफान के 10 बेस्ट डायलॉग्स (Irrfan Khan best dialogues) बताने जा रहे हैं.
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View In App'आदमी जितना बड़ा होता है, उसके छुपने की जगह उतनी ही कम होती है' इरफान खान का ये डायलॉग उनकी फिल्म 'कसूर' का है.
'डेथ और शिट, ये दो चीजें किसी को कहीं भी, कभी भी आ सकती हैं' फिल्म पीकू से इरफान खान का ये डायलॉग भला कोई कैसे भूल सकता है.
'ये शहर जितना हमें देता है, बदले में उससे कहीं ज्यादा हमसे ले लेता है' ये डायलॉग इरफान की फिल्म 'लाइफ इन अ मेट्रो' का है.
'मुझे लगता है, हम अक्सर वो चीजें भूल जाते हैं जिन्हें हमें याद दिलाने वाला कोई नहीं होता' इरफान का ये दमदार डायलॉग उनकी फिल्म 'द लंचबॉक्स' का है.
दरिया भी मैं, दरख़्त भी मैं, झेलम भी मैं, चिनार भी मैं, दैर भी हूं, हरम भी हूं, शिया भी हूं, सुन्नी भी हूं, मैं हूं पंडित, मैं था, मैं हूं और मैं ही रहूंगा.... फिल्म हैदर के इस दमदार डायलॉग और उसको बोलने के अंदाज ने सभी को हिलाकर रख दिया था.
रिश्तों में भरोसा और मोबाइल पर नेटवर्क ना हो तो लोग गेम खेलने लगते हैं... इरफान का ये डायलॉग उनकी फिल्म जज्बा से है.
'बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में' फिल्म पान सिंह तोमर से इरफान खान का ये दमदार डायलॉग लोगों को खूब पसंद आया था.
गलतियां भी रिश्तों की तरह होती हैं, करनी नहीं पड़तीं, हो जाती हैं... इरफान की फिल्म डी डे का ये डायलॉग आज भी लोगों के जुबां पर रहता है.
लकीरें बहुत अजीब होती हैं... खाल पे खिंच जाएं तो खून निकाल देती हैं और जमीन पर खिंच जाएं तो सरहदें बना देती हैं... फिल्म गुंडे से इरफान का ये डायलॉग सभी को पसंद आया था.
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