डायरेक्टर ने पहले मारा था थप्पड़ फिर अपनी ही फिल्म में बनाया हीरो, जानिए इंडस्ट्री के सुपरस्टार Raj Kapoor की जिंदगी के कुछ अनसुने पहलू
राज कपूर ना सिर्फ बेहतरीन एक्टर थे बल्कि एक शानदार डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर भी उन्होंने अपना लोहा मनवाया था. श्री 420, आवारा, संगम, बॉबी और सत्यम शिवम् सुन्दरम जैसी फिल्मों ने तमाम कीर्तिमान तोड़े और राज कपूर ने विदेशों तक हिंदी फिल्मों को पहचान दिलाई. लेकिन राज कपूर के जीवन का एक और पहलू था, सादगी और सरलता से भरा. आज उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसे ही किस्से आपको बताएंगे.
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View In Appराज कपूर ने अपने करियर की शुरुआत शून्य से की थी. एक वक्त था जब वो अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के स्टूडियो में मामूली सैलरी पर काम करते थे. कहते हैं कि उनके पिता को अपने बेटे की काबिलियत पर पुख्ता यकीन नहीं था, शायद इसी वजह से उन्होंने राज कपूर को स्टूडियो में झाड़ू लगाने का काम दिया था. जिसके लिए उन्हें हर महीने एक रुपये वेतन मिलता था.
वक्त बदला और राज कपूर के स्किल्स को पहचानकर केदार शर्मा ने अपनी फिल्म 'नीलकमल' में हीरो के किरदार में कास्ट किया. हालांकि केदार शर्मा के साथ भी राज कपूर का एक दिलचस्प किस्सा जुड़ा है. दरअसल अपने पिता के कहने पर वो केदार शर्मा की फिल्म विषकन्या के सेट पर क्लैपर बॉय का काम कर रहे थे. इस दौरान उनकी गलती से हीरो के मेकअप में गड़बड़ी आई और गुस्साए केदार शर्मा ने राज को थप्पड़ जड़ दिया था.
हालांकि बाद में केदार शर्मा को इस बात पर बहुत अफसोस हुआ और अगले ही दिन सेट पर आते ही उन्होंने राज कपूर को अगली फिल्म में लीड किरदार ऑफर कर दिया. इस बात का जिक्र राज कपूर की बेटी रितु नंदा की किताब ‘राज कपूर स्पीक्स’ में किया गया है. इसके बाद राज कपूर का जो सफर शुरू हुआ वो फिल्मी दुनिया के लिए इतिहास रचने वाला बन गया. कामयाबी और शोहरत ने राज कपूर के कदम चूमे और वो इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की सबसे कामयाब हस्तियों में शुमार हो गए.
11 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाले राज कपूर सादगी भरा जीवन जीते थे. एक इंटरव्यू के दौरान उनकी बेटी ऋतु नंदा ने बताया था कि वो कभी बेड पर नहीं सोते थे. वो जिस भी होटल में जाते थे वहां बेड से गद्दा खींचकर जमीन पर डाल देते और फिर उसपर ही सोते थे. लंदन के एक नामी होटल में ऐसा करने के लिए उन्होंने हर रोज पांच दिन तक जुर्माना भी चुकाया था.
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