बॉलीवुड में एक्टिंग का जलवा दिखाने से पहले ये एक्टर्स कर चुके हैं देश सेवा.. कोई रहा मेजर तो कोई कर्नल
गुफी पेंटल एक सीनियर इंडियन एक्टर हैं, जिन्होंने 1980 के दशक में बॉलीवुड फिल्मों के साथ-साथ टेलीविजन सीरियल्स में अहम भूमिकाएं निभाई. हालांकि उन्हें बी.आर चोपड़ा के ‘महाभारत’ में शकुनी मामा का किरदार कर सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी हासिल हुई. एक बार दैनिक भास्कर से बातचीत में गुफी ने बताया था कि जब वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे तो 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध शुरू हो गया था और उस समय कॉलेज से सीधी भर्तियां होने लगी थीं. गुफी हमेशा से सेना में भर्ती होना चाहते थे. इसलिए उन्होंने मौके का फायदा उठाया और चीन सीमा पर आर्मी आर्टिलरी में तैनात हो गए थे.
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View In Appभारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ और सबसे सफल गीतकारों में से एक, आनंद बख्शी ने लगभग पांच दशक तक 3000 से ज्यादा गीत लिखे थे. इनमें से कुछ सबसे पॉपुलर और सुपरहिट सॉन्ग जैसे 'अच्छा तो हम चलते हैं' (आन मिलो सजना, 1970) ), 'दो लफ़्ज़ों की है' (द ग्रेट गैंबलर, 1979), और 'कुछ तो लोग कहेंगे' (अमर प्रेम, 1972) और भी बहुत कुछ हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी बॉलीवुड जर्नी शुरू करने से पहले बख्शी 1944 में रॉयल इंडियन नेवी में शामिल हुए थे, लेकिन विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया, फिर वह भारतीय सेना में शामिल हो गए और 1956 तक देश की सेवा की. वह हमेशा एक गीतकार बनना चाहते थे और बहुत कम उम्र से ही कविता लिखने लगे थे. वह अक्सर सेना के प्रोग्राम्स में अपने गीत और बोल का इस्तेमाल करते थे जो भारतीय सेना से संबंधित थे. 2002 में 71 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था.
बॉलीवुड एक्टर बिक्रमजीत कंवरपाल पेज 3, 2 स्टेट्स और 24 जैसी फिल्मों के साथ-साथ अदालत जैसी कुछ पॉपुलर टीवी सीरीज में दिखाई दिए थे. कंवरपाल का जन्म एक आर्मी परिवार में हुआ था और अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने भी 1989 में भारतीय सेना में कमीशन लिया और 2002 में मेजर के रूप में सेना से रिटायर हुए थे. उन्होंने इंडियन आर्मी से रिटायर होने के बाद 2003 में एक्टिंग की शुरुआत की लेकिन दुर्भाग्य से, मई 2021 में कोरोनोवायरस संबंधी जटिलताओं की वजह से 52 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था.
रहमान एक इंडियन फिल्म एक्टर थे जिनका करियर 1940 के दशक से 1970 के दशक के एंड तक रहा. उन्हें प्यार की जीत (1948), बड़ी बहन (1949), परदेस (1950) और वक्त (1965) जैसी फिल्मों में उनकी शानदार परफॉर्मेंस के लिए जाना जाता है. वह उन हस्तियों में भी शामिल थे जिन्होंने देश की सेवा की. रहमान रॉयल इंडियन एयर फ़ोर्स में एक पायलट थे लेकिन उन्होंने अभिनय की दुनिया में अपनी किस्मत आज़माने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और इस फ़ैसले पर अफसोस नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने लगभग तीन दशकों तक लोगों का मनोरंजन किया.
रुद्राशीष मजुमदार ने ‘छिछोरे’, ‘हवा सिंह’, ‘मिसेज अंडरकवर’ और ‘जर्सी’ जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में एक्टिंग की है. कोका-कोला और एमजी हेक्टर जैसे कई विज्ञापनों में भी वह दिखाई दिए, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह टैलेंटड एक्टर भारतीय सेना में भी शामिल हुआ था. मजूमदार नेशनल डिफेंस एकेडमी और इंडियन मिलिट्री एकेडमी (देहरादून) के पूर्व छात्र हैं. मजूमदार 2011 में फोर्स में शामिल हुए और 2018 में एक मेजर के रूप में रिटायर हुए थे. उन्हें हाल ही में शाहिद कपूर के साथ फिल्म ‘जर्सी’ में देखा गया था.
‘3 इडियट्स’ में वो टीचर याद हैं जिन्होंने मशीनें सिखाई थीं और उनका डायलॉग अरे, कहना क्या चाहते हो? वह वायरल हो गया था? जी हां, हम बात कर रहे हैं अच्युत पोतदार की जिन्होंने चार दशकों तक ‘दबंग 2’, ‘लगे रहो मुन्ना भाई’, ‘परिणीता’ और कई अन्य फिल्मों में जबरदस्त परफॉर्मेंस दी. बॉलीवुड में अपना करियर शुरू करने से पहले, अच्युत ने रीवा, मध्य प्रदेश में एक प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया, बाद में भारतीय सेना में एक कप्तान के रूप में देश की सेवा की और 1967 में रिटायर हुए थे. उन्होंने 44 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर शुरू किया था.
एक्टर मोहम्मद अली शाह वेटरेन एक्टर नसीरुद्दीन शाह के भतीजे हैं. उन्होंने ‘एजेंट विनोद’ , ‘हैदर’ और ‘यारा’ जैसी कई फिल्मों में एक्टिंग की है. लेकिन बॉलीवुड में अभिनय करने से पहले शाह ने भारतीय सेना में काम किया और दो साल तक भारत-पाक सीमा पर तैनात रहे. तीन सालों तक पूर्वोत्तर में उग्रवाद का भी मुकाबला किया.
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