कभी होटल में वेटर का काम करते थे 'कालीन भैया'...चप्पल भी चुराई, जेल भी गए, जानिए पंकज त्रिपाठी के मजेदार किस्से
बिहार के गोपालगंज से शुरू हुआ उनका सपनों का सफर इतना भी आसान नहीं था. उन्होंने कई मुश्किलें झेली, तंगहाली से लेकर काम की कमी हर संकट का सामना कर पंकज बढ़ते गए और आज वो इंडस्ट्री के सुपरस्टार्स में शुमार हैं.
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View In Appपंकज त्रिपाठी के मन में बचपन से अभिनेता जन्म ले चुका था. वो गांव देहात के नुक्कड नाटकों में काम करते थे. यहां तक की वो लड़की का भी किरदार निभाते थे. यहीं से शुरू हुआ सफर और उन्होंने तय कर लिया कि जीवन में करनी है तो बस एक्टिंग.
पंकज त्रिपाठी ने जब करियर की शुरुआत की तो उस वक्त मनोज बाजपेयी इंडस्ट्री में एंट्री कर चुके थे और शूल फिल्म के बाद उनका फैनबेस भी मजबूत हो रहा था. ऐसे ही एक फैन थे पंकज त्रिपाठी. एक बार जिस होटल में मनोज ठहरे थे उसी होटल में पंकज वेटर का काम करते थे.
जब उन्हें पता चला कि मनोज इस होटल में ही ठहरे हैं तो उन्होंने चुपके से जाकर उनकी चप्पल चुरा लीं और गुरु की खड़ाऊ मानकर अपने पास रख लिया. एक इंटरव्यू के दौरान पंकज ने ये किस्सा मनोज वाजपेयी के सामने ही सुनाया था.
हाजीपुर में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के दौरान पंकज छात्र राजनीति में भी सक्रिय थे. इसी दौरान उन्होंने तत्कालीन लालू सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. जिसका खामियाजा उन्हें सात दिनों तक जेल में रहकर चुकाना पड़ा था.
पंकज त्रिपाठी ने दो साल तक होटल की नौकरी की और फिर अपने सपनों को पूरा करने दिल्ली पहुंच गए. उन्होंने एक्टिंग को धार देने के लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया और कोर्स पूरा किया.
इसके बाद काफी इंतजार और मेहनत रंग लाई और उन्हें साल 2004 में फिल्म ‘रन’ में छोटा सा किरदार निभाने को मिला था. लेकिन पंकज को असली पहचान मिली साल 2012 में आई फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से. इसके बाद वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ में ‘कालीन भैया’ के किरदार ने पंकज त्रिपाठी को स्टार बना दिया.
कभी तंगहाली में जिंदगी काटने को मजबूर रहे पंकज त्रिपाठी की आज के दौर में नेटवर्थ करीब चालीस करोड़ रुपये हैं. उनका मुंबई में शानदार घर है तो साथ ही कई लग्जरी कारों के भी मालिक हैं. पंकज अब एक फिल्म के लिए करोड़ों की फीस वसूलते हैं.
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