'लोग कहते थे काला रंग नहीं चलेगा', Mithun Chakraborty ने कहा- मुझे कालिया बुलाया गया, खूब अपमान हुआ
मिथुन चक्रवर्ती ने बताया कि उन्हें भगवान से हमेशा शिकायत रही कि उन्हें हर चीज काफी संघर्ष करने के बाद मिली. चक्रवर्ती ने कहा, 'मैं भगवान से बहुत शिकायत करता था. मुझे कोई भी चीज थाली में परोस कर नहीं मिली, मैंने बहुत संघर्ष किया. मुझे ये सब ऐसे ही नहीं मिल गया. मैं कहता था भगवान, आपने मुझे नाम और शोहरत तो दी है, लेकिन इतनी सारी परेशानियां क्यों हैं.'
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View In Appउन्होंने कहा, 'लेकिन आज, यह पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, मैंने शिकायत करना बंद कर दिया है. भगवान का शुक्र है, आपने ब्याज सहित मुझे सब कुछ वापस दे दिया.'
उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें एक एक्टर के रूप में स्वीकार किया लेकिन अपने कलर की वजह से उन्हें हमेशा ही परेशानी हुई. अभिनेता ने कहा, 'लोग कहते थे फिल्म इंडस्ट्री में काला रंग नहीं चलेगा. तुम क्या कर रहे हो इधर, तुम वापस जाओ.'
इतना नहीं नहीं, एक्टर ने अपने स्ट्रगल को याद करते हुए बताया कि कहा, 'लोग मुझे कालिया कहकर बुलाते थे. जितना अपमान हो सकता था, हुआ. मैं सोचता था कि मुझे क्या करना चाहिए? मैं भगवान से पूछता था- भगवान मेरा रंग चेंज नहीं कर सकते? मैंने सोचा कि करु क्या. तो मैंने सोचा कि मैं डांस कर सकता हूं. तो मैंने सोचा कि मैं ऐसा डांस करुं कि लोग मेरे पैरों को देखे, मेरी स्कीन को ना देखे, मेरे कलर को ना देखे. मैंने ऐसा ही किया.'
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, 'और मैंने अपनी सभी फिल्मों में बिल्कुल यही किया. आखिरकार, लोग मेरा कलर भूल गए और मैं सेक्सी, सांवला बंगाली बाबू बन गया.'
एक्टर ने सिनेमा में अपने शुरुआती दिनों के किस्से साझा किए, जब उन्हें पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था. उन्होंने कहा कि वह अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग पर गए थे तो उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें किसी बड़े निर्माता की फिल्म में कास्ट किया जाएगा. चक्रवर्ती ने कहा, 'मुझे याद है कि लोग मेरी तारीफ करते हुए कहने लगे थे ‘वाह, तुम्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है.’ मुझे घमंड हो गया, लगा कि मैंने वाकई कुछ बड़ा हासिल कर लिया है.'
एक्टर ने सिनेमा में अपने शुरुआती दिनों के किस्से साझा किए, जब उन्हें पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था. उन्होंने कहा कि अवॉर्ड मिलने के बाद मुझे घमंड हो गया, लगा कि मैंने वाकई कुछ बड़ा हासिल कर लिया है.' चक्रवर्ती ने कहा, 'पुरस्कार पाने के बाद, मुझे लगा कि मैं अल पचीनो बन गया हूं और यह मेरे रवैये में भी झलकने लगा. मैं एक प्रोड्यूसर के ऑफिस अजीब व्यवहार कर रहा था और उसे आश्चर्य हो रहा था कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं...फिर ऐसा हुआ कि मुझे धक्के मारकर बाहर निकाल दिया. उस दिन से, मैंने अल पचीनो की तरह व्यवहार करना बंद कर दिया.'
यंग स्ट्रगलिंग एक्टर्स के लिए उन्होंने कहा,‘हमारे देश में कई प्रतिभाशाली लोग हैं, लेकिन उनके पास पैसा नहीं है. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आपके पास पैसा नहीं हो, लेकिन उम्मीद मत खोइए. सपने देखते रहिए. सोइए लेकिन अपने सपनों को सोने मत दीजिए.’’
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