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बॉलीवुड की कही जाती थी सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस, दर्दनाक रही असल जिंदगी, मौत के बाद बंगले में सड़ती रही थी लाश
इस अदाकारा को बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस कहा जाता था. बड़े पर्दे पर दमदार एक्टिंग करने वाली इस अभिनेत्री की निजी जिंदगी कांटों से भरी रही थी. आखिरी दिनों में इन्हें पूछने वाला तक कोई नहीं था.

आज हम बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में बात करेंगे, जिन्हें कभी हिंदी फिल्मों की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस माना गया था. लेकिन बाद में वह इंडस्ट्री से गायब हो गई. इन्होंने अपने आखिरी दिन तन्हा गुजारे. अफसोस की बात है कि उनकी मौत पर भी किसी का ध्यान नहीं गया था.
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हम जिस दिग्गज दिवंगत अभिनेत्री की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं नलिनी जयवंत हैं. नलिनी जयवंत का जन्म 18 फरवरी 1926 को हुआ था. उन्होंने 1940 और 1950 के दशक के दौरान हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शको के दिलों पर राज किया था.
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1950 के दशक में फिल्मफेयर ने उन्हें फिल्मों की सबसे खूबसूरत महिला कहा था. अभिनेता दिलीप कुमार नलिनी की तारीफ में कहा था कि उन्होंन जितनी भी एक्ट्रेस के साथ काम किया उनमें वे बेस्ट थीं.
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नलिनी जयवंत ने अपने करियर की शुरुआत बहनें (1941) और अनोखा प्यार (1948) जैसी फिल्मों से की थी. दिलीप कुमार, देवानंद जैसे टॉप एक्टर्स और निर्देशकों के साथ काम करने की वजह से अपने समय की लीडिंग एक्ट्रेस बन गई थी.उनकी कुछ सबसे शानदार फिल्मों में समाधि (1950), संग्राम (1950), राही (1953) और मुनीमजी (1955) शामिल हैं.
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प्रोफेशनल लाइफ में सफल होने के बावजूद, नलिनी जयवंत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. उनकी पर्सनल लाइफ काफी दर्दनाक थी.
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बता दें कि नलिनी ने फिल्म निर्माता वीरेंद्र देसाई से पहली शादी की थी लेकिन उनकी ये शादी चल नहीं पाई थी.
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वहीं इंडस्ट्री में नई अभिनेत्रियों के आने से उनके करियर में गिरावट आने लगी थी. 1950 और 1960 के दशक के अंत तक, उन्हें रोल्स ऑफर होने कम हो गए और धीरे-धीरे वह सुर्खियों से दूर हो गईं.
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नलिनी जयवंत ने अब खुद को घर में ही कैद कर लिया था और पब्लिकली उन्होंने आना-जाना बंद कर दिया था. लोगों ने भी इस अदाकारा को भुला दिया. चेंबूर के यूनियन पार्क में उनके आलीशान बंगले में कभी खूब रौनक रहा करती थी लेकिन आखिली दिनों में नलिनी अपने इस बंगले में अकेले रह गईं.
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22 दिसंबर 2010 को 84 वर्ष की आयु में यूनियन पार्क, चेंबूर, मुंबई स्थित उनके बंगले में उनका निधन हो गया था. अफसोस की बात है कि उनकी लाश तीन दिनों तक उनके घर में सड़ती रही थी. उनकी मौत पर किसी का ध्यान नहीं गया था जब तक कि उनके शव को लेने के लिए एम्बुलेंस नहीं आई.
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उनके पड़ोसियों ने बताया था कि 2001 में उनके पति प्रभु दयाल के निधन के बाद उन्होंने खुद को समाज से अलग कर लिया था और लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया था. उनके रिश्तेदारों ने भी उनकी कोई सुध नहीं ली.
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नलिनी की मौत कैसे हुई थी, किसने उनका अंतिम संस्कार किया, यह भी आज तक रहस्य ही है.
Published at : 29 Aug 2024 11:40 AM (IST)
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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