जब एक सीन की वजह से संजय लीला भंसाली से भिड़ गए थे नाना पाटेकर, फिर डायरेक्टर ने किया ये काम
आज आपको एक ऐसे ही विवाद के बारे में बताएंगे जब फिल्म खामोशी की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर और संजय लीला भंसाली आमने सामने आ गए थे.
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View In Appसंजय लीला भंसाली ने अपने डायरेक्शन करियर की शुरुआत साल 1996 में फिल्म खामोशी- द म्यूजिकल के साथ की थी. इस फिल्म में सलमान खान और मनीषा कोईराला लीड किरदारों में थे.
इस फिल्म में नाना पाटेकर और सीमा बिश्वास मनीषा कोईराला के पेरेंट्स के किरादर में थे. फिल्म में नाना और सीमा के किरदार को मूक बधिर दिखाया गया था. इन किरदारों की एक्टिंग को लेकर सेट्स पर ही नाना और संजय लीला भंसाली आमने सामने आ गए थे.
द लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू के दौरान नाना पाटेकर ने ये किस्सा बताया था. उन्होंने बताया कि कुछ सीन्स को लेकर नाना पाटेकर संतुष्ट नहीं थे जिस बात पर संजय और नाना के बीच बहस भी हो गई थी.
नाना पाटेकर ने बताया कि सिर्फ एक बात को लेकर हमारी बहस नहीं हुई थी. कई ऐसी बातें थी जिनपर हमारे बीच मतभेद हो गया था. हालांकि संजय एक उम्दा डायरेक्टर हैं. एक सीन में मेरी पत्नी अचानक बीमार होकर गिर जाती हैं और मैं उसकी तरफ पीठ करके बैठा हूं और पत्ते खेल रहा हूं. संजय चाहते थे कि मैं पलटूं और देखूं. लेकिन हम दोनों ही मूक बधिर दिखाए गए हैं तो मुझे कैसे पता चलेगा.
नाना बताते हैं कि संजय चाहते थे कि स्क्रीन पर हमारा ऐसे बॉन्ड दिखे जिसमे बिना कहे-सुने हम एक दूसरे को सुन पाएं. लेकिन मेरे लिए ये एक ठोस कारण नहीं था. मैं चाहता था कि ये रियलिस्टिक हो. इसी बात पर हमारी बहस हो गई. इसका नतीजा ये निकला कि संजय ने दोबारा मेरे साथ काम नहीं किया.
नाना पाटेकर ने संजय लीला भंसाली से रिश्ते पर कहा कि हां मैं मानता हूं कि मैंने लाइन क्रॉस कर दी थी लेकिन रिश्ते सिर्फ काम तक सीमित नहीं होते. हमें अपने दोस्तों को काम के बाद भी याद रखना चाहिए. मैं ऐसे ही रिश्तों को मानता हूं और तरजीह देता हूं.
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