Pran Life Fact: अपनी इस बुरी आदत से बी-टाउन के खूंखार विलेन बने थे प्राण, पोस्टर देख जूते मारते थे लोग
बहुत कम लोग जानते हैं कि प्राण का पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंद है. जिन्होंने हिंदी सिनेमा को कई यादगार और सुपरहिट फिल्में दी है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि प्राण कभी भी एक्टर नहीं बनना चाहते थे बल्कि उन्हें फोटोग्राफी का शौक था.
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View In Appअपने फोटोग्राफर बनने के सपने को पूरा करने के लिए प्राण ने दिल्ली की ही एक कंपनी में नौकरी भी की थी. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. प्राण एक बुरी लत की वजह से सिनेमा के सुपरहिट विलेन बन गए.
कहा जाता है कि प्राण को सिगरेट की आदत थी. वहीं जब एक बार वो शिमला में पान की दुकान पर खड़े होकर सिगरेट पी रहे थे तो पंजाबी इंडस्ट्री के लेखक मोहम्मद वली की नजर उनपर पड़ी और उनके प्राण का सिगरेट पीने का स्टाइल काफी पंसद आया.
वो प्राण से इस कदर इंप्रेस हुए कि उन्होंने एक्टर फिल्म का ऑफर दे दिया. दरअसल उस वक्त वो अपनी फिल्म ‘यमला जट’ के लिए एक लड़के की तलाश कर रहे थे. लेकिन प्राण की एक्टिंग में दिलचस्पी नहीं थी इसलिए वो उनसे मिलने के लिए नहीं गए. लेकिन कुछ वक्त बाद दोनों की मुलाकात फिर से हुई और तब प्राण ने फिल्म के लिए हां कर दी.
इसके बाद से ही उन्होंने कई पंजाबी फिल्मों में काम किया और भारत-पाकिस्तान के विभाजन बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा की तरफ रुख किया. उनकी पहली हिंदी फिल्म ‘खानदान’ थी. इस फिल्म के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और फिल्म में लीक से हटकर किरदार निभाया.
वहीं प्राण के नेगेटिव किरदारों को लोग इस कदर सच मानने लगे थे कि जहां भी उनके पोस्टर लगे होते थे दर्शक उसपर जूते मारने लगते थे. फिर उनकी छवि तब सुधऱी जब उन्होंने फिल्म ‘उपकार’ में काम किया था. बता दें कि उस दौर में भी प्राण एक फिल्म के लिए 5 से 10 लाख रुपए लेते थे.
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