पैदा होते ही छूटा मां का साथ, ड्रग्स की लत से बर्बाद हुआ बचपन...संघर्षों से भरी थी इस एक्टर की लाइफ
दरअसल प्रतीक के जीवन का सबसे दर्दनाक पहलू ये है कि उनके पैदा होने के 15 दिनों बाद ही उनकी मां का देहांत हो गया था. प्रतीक अपनी मां के बारे में सुनकर ही बड़े हुए हैं. इसी अकेलेपन ने प्रतीक को गलत रास्ते पर भी धकेल दिया था.
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View In App28 नवंबर 1986 को मुंबई में पैदा हुए प्रतीक बब्बर की परवरिश उनके नाना-नानी ने की है. खास बात ये कि एक वक्त प्रतीक अपने पिता राज बब्बर से बेहद नफरत करते थे.
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुलकर बात करते हुए कहा था कि मेरे पिता के पास मेरी बात तक सुनने का वक्त नहीं होता था. हर कोई मुझे मेरी मां की सफलता के किस्से बताते थे. लेकिन मेरे मन में सवाल होता था कि मेरी मां मेरे साथ क्यों नहीं हैं.
प्रतीक ने साल 2008 में बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. ‘जाने तू या जाने ना’ फिल्म में उन्होंने जेनेलिया के भाई का किरदार निभाया था.
इसके बाद उन्होंने ‘एक दीवाना था’ और ‘धोबी घाट’ जैसी फिल्मों के जरिए अपनी एक्टिंग भी साबित की. फिर एक्टर ‘मुल्क’, ‘बागी-2’ और ‘छिछोरे’ जैसी फिल्मों के जरिए वो बॉलीवुड में काम करते रहे.
प्रतीक बब्बर ने एक बार बताया था कि उन्हें महज 12 साल की उम्र में ड्रग्स की गंभीर लत लग चुकी थी. इसके बाद 17 साल की उम्र में उन्हें रिहैब सेंटर जाना पड़ा था तब जाकर वो इस लत से निजात हासिल कर पाए थे.
वहीं एक बार एक इंटरव्यू में अपने करियर के बारे में बात करते हुए प्रतीक ने कहा था कि मेरी बुरी आदतों की वजह से मेरा करियर का ग्राफ खराब रहा है. लेकिन अब मैंने खुद को संभाल लिया है.
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