Ravindra Jain Birth Anniversary: सिंगर जो 'रामायण' और 'कृष्णा' की आवाज बनकर हुआ अमर, जानें संघर्ष की कहानी
28 फरवरी 1944 को अलीगढ़ में जन्में रवींद्र जैन के पिता इंद्रमणि जैन भी संगीतज्ञ जो संस्कृत के पंडित भी थे. रवींद्र जी जैन कम्यूनिटी से बिलॉन्ग करते थे और उनका जन्म बहुत ही साधारण परिवार में हुआ था. इन्होंने बहुत कम उम्र से मंदिरों में भजन गाना शुरू कर दिया था.
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View In Appसंगीत की शिक्षा इन्होंने जनार्दशन शर्मा और नाथू राम से ली, बेसिक चीजें उनके पिता घर पर ही सिखाते थे. साल 1972 में उन्होंने पहली बार फिल्म कांच और हीरा में म्यूजिक डायरेक्टर के तौर पर काम किया. इसके बाद फिल्म सौदागर में इनका म्यूजिक आया जो हिट हुआ.
रवींद्र जैन ने चोर मचाए शोर, चितचोर, गीत गाता चल, फकीरा, अंखियों के झरोखों से, दुल्हन वही जो पिया मन भाए, पति पत्नी और वो, नदिया के पार, राम तेरी गंगा मैली, हिना और विवाह जैसी फिल्मों में म्यूजिक दिया जो सुपरहिट रहा.
साल 1986 में रामानंद सागर ने रवींद्र जैन को उनके सीरियल रामायण के लिए ऐसा म्यूजिक बनाने को बोला जो दशकों तक लोगों के दिलों पर राज करे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रवींद्र जैन ने इसके म्यूजिक को बनाने में बहुत गहन अध्ययन किया और जो म्यूजिक रामानंद सागर को दिया.
'रामायण' में रवींद्र जैन ने कुछ गीत गाए भी और वो आवाज आज भी जब रामायण देखी जाती है तो घरों में गूंजती है. रामायण का म्यूजिक हिट हुआ तो रामानंद सागर ने उन्हें 1993 में आई 'कृष्णा' का भी म्यूजिक तैयार करने को कहा. रिजल्ट आप सभी जानते हैं कि वही कृष्णा का गीत लोगों को याद रहता है.
रवींद्र जैन ने दिव्या नाम की महिला से शादी की थी जिनसे उन्हें एक बेटा आयुष्मान जैन है. 9 अक्टूबर 2015 को रवींद्र जैन का निधन कई ऑर्गन फेल होने के कारण हो गया था.
रवींद्र जैन को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने फिल्म राम तेरी गंगा मैली के म्यूजिक डायरेक्टर के तौर पर फिल्मफेयर भी जीता है. वहीं रवींद्र जैन ने म्यूजिक के कई अलग-अलग अवॉर्ड्स जीते हैं.
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