हरिहर जेठालाल क्यों बन गए थे संजीव कुमार? जानें एक्टर के नाम बदलने का मजेदार किस्सा
संजीव कुमार उन शानदार अभिनेताओं में शामिल हैं जिनकी एक्टिंग की रेंज बेजोड़ थी. स्क्रीन पर उनकी दमदार अदाकारी देखकर बड़े से बड़े अभिनेता के पसीने छूट जाते थे.
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View In Appलेकिन क्या आप जानते है जिस नाम से एक्टर ने हिंदी सिनेमा में जबरदस्त शोहरत कमाई वो उनका असली नाम नहीं था. जी हां संजीव कुमार का असली नाम कुछ और था जो उन्हें फिल्मों में खास और प्रभावशाली पहचान बनाने के लिए बदलना पड़ा था.
सजीव कुमार के अपना नाम बदलने की कहानी बड़ी ही मजेदार है. बता दें कि संजीव कुमार का रियल नेम हरिहर जेठालाल जरीवाला हुआ करता था.
संजीव कुमार का जन्म एक गुजराती ब्राह्मण फैमिली में 9 जुलाई 1938 को हुआ था और वे काफी कम उम्र में ही सपनों की नगर मुंबई आ गए थे.
संजीव कुमार को एक्टिंग का शौक था और फिर उन्होंने अभिनेता बनने की ठान ली. लेकिन ये सपना हकीकत में बदलना इतना आसान भी नहीं था.
खैर संजीव कुमार ने हिंदी सिनेमा में अभिनेता बनने के अपने सपने को पूरा करने की शुरुआत पहले अपने नाम बदलने से की. दरअसल अपने शुरुआती दिनों के दौरान, जरीवाला अक्सर कहते थे कि उनका नाम एक महत्वाकांक्षी अभिनेता के लिए सही नहीं है और वे अपने दोस्तों के साथ उन नामों पर चर्चा करते थे जिन्हें वह अपना सकते थे.
फिर डायरेक्टर कमल अमरोही ने उन्हें सलाह दी कि सिल्वर स्क्रीन पर दमदार पहचान बनाने के लिए उन्हें नाम बदलना चाहिए. इस बात को हनीफ जावेरी और वकील सुमंत बत्रा द्वारा एक्टर पर लिखी गई किताब ‘ एन एक्टर्स एक्टर’ में भी मेंशन किया गया है.
पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा पब्लिश बुक में कहा गया है, उन्होंने फैसला किया कि उनका नाम 'एस' अक्षर से शुरू होना चाहिए, क्योंकि उनकी मां का नाम 'एस' (शांताबेन) से शुरू होता था, और 'कुमार' पर खत्म होना चाहिए क्योंकि ज्यादातर अभिनेताओं के नाम 'कुमार' पर खत्म होते थे. एक जबरदस्त बहस के बाद और चर्चा के दौरान, 'संजय कुमार' नाम को सर्वसम्मति से मंजूरी मिली, और हरि को 'रामत रामदे राम' और 'आओ प्यार करें' दोनों में इसी नाम से क्रेडिट दिया गया.''
हरिहर अब अपनी अगली फिल्म निशान कर रहे थे इसी दौरान उनकी मुलाकात निर्माता-निर्देशक अमरोही से हुई. उन्होंने अपनी फिल्म शंकर हुसैन के लिए एक्टर को बुलाया था. जब हरि अमरोही से मिलने गए तो उन्हें उर्दू में कुछ मुश्किल डायलॉग के साथ एक स्क्रीन टेस्ट करने के लिए कहा गया. हमेशा मेहनती हरि ने चार अलग-अलग तरीकों से डायलॉग बोले. हरि के आत्मविश्वास से प्रभावित होकर, अमरोही ने सुझाव दिया उन्हें अपना नाम बदलना चाहिए क्योंकि एक एक्टर के लिए ये नाम प्रभावशाली नहीं है.
हालांकि हरिहर ने अमरोही को ये नहीं बताया कि वे पहले ही अपना नाम संजय कुमार कर चुके हैं. इसी दौरान संजय खान की फिल्म दोस्ती रिलीज हुई थी जो सुपर-डुपर हिट हो चुकी थी. जिसके बाद हरिहर को लगा कि दो संजय एक ही समय पर स्क्रीन पर राज नहीं कर सकते हैं.
इसके बाद अस्पि ईरानी ने हरिहर को अपना नाम एक बार फिर से बदलने की सलाह दी. हालांकि हरि नहीं चाहते थे क्योंकि उनकी दो फिल्में संजय कुमार के रूप में पहले ही रिलीज हो चुकी थीं. हालांकि, 'आओ प्यार करें' जॉय मुखर्जी पर फोकस्ड थी, और 'रामत रामदे राम' एक क्षेत्रीय फिल्म थी. फिर उन्होंने चांस लेने का फैसला किया और संजीव कुमार नाम का जन्म हुआ.''
इसके बाद हरिहर ने संजीव कुमार के नाम से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई और तमाम ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं.
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