'बस मेरा करियर खत्म' जब Shakti Kapoor को हुआ एहसास! अपनी विलेन वाली इमेज से ऐसे बाहर आए थे एक्टर
शक्ति कपूर का असल नाम है-सुनील सिकंदरलाल कपूर. लेकिन उन्हें ये नाम कभी भी पसंद नहीं आया. इसलिए एक्टर ने अपना नाम शक्ति कपूर रख लिया.
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View In Appशक्ति कपूर के पिता दिल्ली के कनॉट प्लेस में टेलरिंग की दुकान चलाते थे. मगर शक्ति कपूर का सपना कुछ अलग करने का था. इसलिए उन्होंने ग्लैमर वर्ल्ड में कुछ कर दिखाने का जुनून खुद में पैदा किया.
फिल्मी दुनिया में आने के बाद शक्ति कपूर ने कादर खान के साथ कमाल का तालमेल बैठाया. सिर्फ कादर खान संग ही उनकी 100 फिल्में हैं. वहीं अपने पूरे करियर में उन्होंने 700 फिल्मों में काम किया.
1977 में आई खेल खिलाड़ी का फिल्म से शक्ति कपूर ने अपने करियर की शुरुआत की थी. हिम्मतवाला और हीरो फिल्म में शक्ति कपूर ने विलेन के तौर पर खुद को इश्टेबलिश किया और बॉलीवुड में छा गए.
शक्ति कपूर ने स्क्रीन पर अपनी जो इमेज बनाई वह सालों साल तक वैसे ही दर्शकों के सामने चमकती रही. जैसी करनी वैसी भरनी फिल्म में भी उन्होंने एक गैर जिम्मेदार औलाद का किरदार निभाया था, जिसमें लोग उन्हें देख कर काफी गुस्साते थे. हालांकि वे अपने किरदार को मिली ऐसी हेट देख कर खुश होते थे क्योंकि यही उनका काम था.
शक्ति कपूर ने एक शो में बताया था कि - 'जब कॉमेडी की मैंने पहली फिल्म की उसमें पेंटल साहब थे. वो फिल्म थी सत्ते पे सत्ता. राज सिप्पी ने मुझे कहा कि आप कॉमेडी का रोल करेंगे. तो मैंने कहा-अच्छा भला विलेन के रोल का धंधा चल रहा है. क्यों कॉमेडियन बना रहे हो?कादर खान साहब ने सबको कैसेट बांट दिए, हमने फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी. हमें पसंद आई.'
दूसरी फिल्म थी मवाली, कादर खान साहब मुझे चांटा मारते हैं, मैं धड़ाम नीचे गिरता हूं. सेकिंड शॉट में अरुणा इरानी मारती हैं फिर मैं नीचे गिरता हूं. तीसरी बारी में जीतू साहब मेरे पीछे लात मारते हैं, मैं फिर नीचे गिरता हूं. मैंने कहा- मेरा करियर खत्म. मैंने कहा- इन लोगों ने मेरे जिस्म का कोई भी इलाका नहीं छोड़ा.'
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