Tumbbad की री-रिलीज से पहले जानें दिलचस्प किस्से, डरावने दानव को पर्दे पर लाने में क्यों लगी देरी?
फिल्म तुम्बाड के निर्देशक राही अनिल बर्वे ने फिल्म की कहानी भी लिखी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फिल्म की कहानी उन्होंने 1997 में लिखी लेकिन उन्हें कोई प्रोड्यूसर नहीं मिल रहा था.
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View In Appओरिजनल फिल्म साल 2015 में शूट करके पूरी कर दी गई थी, लेकिन टीम ने फिल्म की एडिटिंग में तीन साल का समय लगाया. इसके फैक्ट्स और रिसोर्स को ढूंढने में टाइम लगा और साल 2018 में रिलीज की गई.
इस फिल्म की शूटिंग उन जगहों पर की गई जहां गुफाएं हैं. ये गुफाएं उन जगहों पर हैं जहां कोई भी ही नहीं रहता. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन जगहों पर लगभग 100 सालों से कोई नहीं रहता है.
फिल्म तुम्बाड को बनने में 6 साल लगे. फिल्म की शूटिंग से लेकर एडिटिंग तक ये टाइम लगा और ये सबसे लंबी बनने वाली फिल्म बनी. साल 2018 में रिलीज से पहले इस फिल्म को वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया.
'तुम्बाड' का क्लाइमैक्स सीन लालटेन की रोशनी में शूट किया गया था. वो सीन कुछ ऐसा था जिसे देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए थे. ये सीन हैरान करने वाला था और इस सीन की शूटिंग करना सबसे मुश्किल काम था.
सोहम शाह ने इस फिल्म में अपने रोल के लिए 8 किलो बढ़ाया था. 6 सालों से उन्होंने अपनी फिटनेस को मेनटेन किया हुआ था और सालों बाद उन्होंने अपना वजन सिर्फ इस फिल्म के लिए बढ़ाया था.
50 लालटेन और लैंप का इस्तेमाल इस फिल्म में किया गया था. इस ऑथेंटिक फिल्म की शूटिंग में काफी मुश्किल हुई थी इस वजह से इसकी शूटिंग में समय लगा.
साल 2008 में इस फिल्म के लिए नवाजुद्दीन सिद्दिकी को साइन कर लिया गया था लेकिन बाद में प्रोड्यूसर ना मिलने के कारण ये कैंसिल हो गई. बाद में सोहम शाह ने इस फिल्म की कहानी पढ़ी और बनाने का फैसला लिया.
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