एक्सप्लोरर
Teacher's Day 2024: टीचर और स्टूडेंट के गहरे बॉन्ड को दिखाती हैं बॉलीवुड की ये फिल्में, देखकर आप भी हो जाएंगे इमोशनल
Teacher's Day 2024: आज यानि 5 सितंबर को देश में टीचर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है. ऐसे में हम आपके लिए वो फिल्में लाए हैं. जिनमें टीचर-स्टूडेंट का खूबसूरत रिश्ता दिखाया गया.

टीचर्स डे के मौके पर हम आपके लिए उन फिल्मों की लिस्ट लाए हैं. जिसमें ना सिर्फ टीचर और स्टूडेंट का बॉन्ड को दिखाया गया बल्कि शिक्षा के महत्व को भी बहुत ही खूबसूरती के साथ पर्दे पर उतारा गया था. नीचे देखिए लिस्ट....
1/7

तारे ज़मीन पर (2007) – इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आमिर खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘तारे जमीन पर’ का है. जिसमें ईशान नाम के एक बच्चे की कहानी दिखाई गई थी. इसमें राम शंकर निकुंभ (आमिर खान) उसकी पढ़ने में मदद करते हैं. ये फिल्म दर्शकों को काफी ज्यादा पसंद आई थी.
2/7

इकबाल (2005) – ये फिल्म भी टीचर्स डे के लिए बेस्ट है. इसमें एक गूंगे-बहरे बच्चे इकबाल (श्रेयस तलपड़े) की कहानी देखने को मलिती है. जो क्रिकेटर बनने का सपना देखता है और उसे पूरा करने में उसकी मदद कोच बने नसीरूद्दीन शाह करते हैं.
3/7

चॉक एन डस्टर (2016) - जूही चावला और शबाना आजमी की इस फिल्म में स्कूल में टीचर्स की लाइफ को दिखाया गया है. दो शिक्षकों की ये कहानी भी आपको भावुक कर देगी.
4/7

ब्लैक (2005) - ये फिल्म हेलेन केलर के जीवन के संघर्षों पर आधारित है. जिसमें रानी मुखर्जी एक गूंगी-बहरी बच्ची का किरदार निभाती हैं. फिल्म में टीचर का किरदार अमिताभ बच्चन निभाते हैं.
5/7

हिचकी (2018) – इस फिल्म में रानी मुखर्जी नैना माथुर नाम की एक टीचर का रोल निभाती हैं. जिन्हें हिचकी की परेशानी होती है. फिर वो कैसे अपने परेशानी से लड़ते हुए बच्चों को पढ़ाती हैं. ये चीज खूबसूरती से फिल्म में दिखाई गई है.
6/7

सुपर 30 (2019) – इस लिस्ट का आखिरी नाम ऋतिक रोशन की फिल्म ‘सुपर 30’ का है. एक्टर की ये फिल्म रियल स्टोरी पर बेस्ड थी. जिसमें आनंद कुमार की कहानी को दिखाया गया था.
7/7

इस फिल्म में शिक्षा के महत्व को समझाया गया है. फिल्म में ऋतिक ने भी बेहतरीन काम किया है. जिसे लोगों ने खूब पसंद किया था.
Published at : 05 Sep 2024 10:59 AM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
विश्व
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
बिहार
Advertisement


प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion