कभी बतौर साउंड इंजीनियर काम करते थे तपन सिन्हा, फिर फिल्मी दुनिया में रखा कदम और जीत लिए 19 नेशनल अवॉर्ड
हिंदी और बांग्ला सिनेमा में चार-चांद लगाने वाले निर्देशक तपन सिन्हा आज ही के दिन यानी 15 जनवरी 2009 को इस दुनिया से रुख्सत हो गए थे.
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View In Appआप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि तपन का रुख बचपन से ही सिनेमा की ओर नहीं था. उन्होंने फिजिक्स में पोस्ट ग्रैजुएशन किया था. दरअसल, तपन के पिता वैज्ञानिक थे.
दरअसल, 2 अक्टूबर 1924 के दिन जन्मे तपन सिन्हा 1946 में कोलकाता के न्यू थिएटर से जुड़े थे. यहां उन्हें साउंड इंजीनियर की जिम्मेदारी दी गई थी. बस यही से उनका फिल्मी सफर शुरू हो गया.
धीरे-धीरे तपन का रुझान फिल्मों की ओर बढ़ने लगा. ऐसे में वह साल 1950 में ब्रिटेन के पाइनवुड स्टूडियो से जुड़े और दो साल वहां बिताए.
भारत लौटने के बाद तपन ने अपना ध्यान फिल्म निर्देशन की ओर बढ़ाया. उस दौरान उन्होंने बांग्ला, हिंदी और उड़िया भाषा में फिल्में बनाईं. उनकी फिल्में बर्लिन, लंदन और मॉस्को जैसे अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराही गई थीं.
बता दें कि फिल्म जगत में तपन ने इस कदर धूम मचाई कि उन्हें अलग-अलग कैटिगरी में 19 नेशनल अवॉर्ड मिले. वहीं, 2006 में उन्हें बाबा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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