सुनील दत्त की इस हिरोइन की दर्द भरी रही थी असल जिंदगी, 33 साल की उम्र में हुई मौत, ठेले पर शमशान घाट पहुंची थी लाश
दरअसल हम बात कर रहे हैं 60 के दशक की बेइंतहा खूबसूरत एक्ट्रेस विमी की. विमी का जन्म 1943 में एक सिख परिवार में हुआ था और वो एक ट्रेंड सिंगर थीं.
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View In Appअपनी स्टूडेंट लाइफ के दौरान, विमी ऑल इंडिया रेडियो पर रेग्यूलर रहती थीं. उन्होंने सोफिया कॉलेज, मुंबई से साइकलॉजी में ग्रेजुएशन किया था. पढ़ाई के बाद विमी ने करोड़पति अमीरचंद प्यारेलाल परिवार के वंशज बिजनेसमैन शिव अग्रवाल से शादी कर ली. इस जोड़ी के दो बच्चे थे.
इसी दौरान संगीत निर्देशक रवि ने विमी को बीआर चोपड़ा से मिलवाया और उन्होंने तुरंत उन्हें सुनील दत्त स्टारर फिल्म हमराज़ में लीड रोल ऑफर कर दिया.
विमी ने भी तुरंत हामी भर दी और हमराज़ बॉक्स-ऑफिस पर सुपर-डुपर हिट रही. इसी के साथ विमी रातों रात स्टार भी बन गई थीं.
हालांकि हमराज़ के बाद, विमी की अगली फिल्म आबरू (1968) बॉक्स-ऑफिस पर फ्लॉप रही. इसके बाद शशि कपूर के साथ उनकी फिल्म पतंगा (1971) भी लोगों को प्रभावित करने में असफल रही. बाद में विमी हिट पंजाबी फिल्म, नानक नाम जहाज है (1973) में दिखाई दीं, लेकिन इससे उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार फ्लॉप फिल्मों का असर विमी के करियर पर पड़ा और उन्हें और ऑफर मिलने बंद से हो गए. हालाँकि, वह अपनी आखिरी फिल्म वचन (1974) से पहले, कुछ वर्षों तक पत्रिकाओं में छपती रहीं.
फ्लॉप फिल्में हुईं तो विमी को भी बॉलीवुड ने लगभग भुला दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमी और उनके पति शिव अलग हो गए थे. फिर ये भी खबर आई कि विमी घरेलू हिंसा से गुजर चुकी हैं. पति से सैपरेशन के बाद बताया जाता है कि विमी एक छोटे-मोटे निर्माता जॉली के साथ रहने लगी थी जिसने उनका खूब शोषण किया. विमी का बिजनेस वेंचर, विमी टेक्सटाइल्स, उसके कर्ज का भुगतान करने के लिए बेच दिया गया और वह दिवालिया हो गई थीं.
टूटी हुई शादी, असफल बॉलीवुड करियर और यौन शोषण ने विमी को इतना तोड़ दिया कि उन्हें शराब की लत लग गई. एक समय महिला सुपरस्टार मानी जाने वाली इस अभिनेत्री की गरीबी में मौत हो गई थी. विमी का 33 वर्ष की उम्र में लीवर संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया था.
विमी को नानावती अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती कराया गया था. बताय़ा जाता है कि विमी की अर्थी को किसी का कांधा भी नसीब नहीं हुआ था. उनकी लाश को एक ठेले पर शमशान घाट तक ले जाया गया था. विमी के अंतिम संस्कार में भी उनके परिवार से कोई नहीं पहुंचा था. बाद में जॉली ने ही उनके शव का दाह संस्कार किया था.
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