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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'I Am Always Ready Sweety...’, पाकिस्तान के खिलाफ जंग पर जा रहे सैम मानेकशॉ ने जब इंदिरा गांधी को दिया था ये जवाब, दिलचस्प है किस्सा
फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ना सिर्फ इंडियन मिलिट्री के इतिहास के सबसे शानदार, सम्मानित और बेहतरीन अफसरों में शुमार हैं. बल्कि उन्होंने भारत को पाकिस्तान पर इतनी बड़ी जीत दिलाई थी कि दुश्मन देश पाकिस्तान युद्ध के बाद दो हिस्सों में बंट गया था. 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना की अगुवाई करने वाले सैम मानेकशॉ ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त देने और बांग्लादेश के गठन में अहम भूमिका निभाई थी. उन्हीं की रणनीति की बदौलत भारतीय सेना महज चंद दिनों में पाकिस्तानी सेना के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया था और पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को आजाद कराकर एक नए देश का निर्माण किया था. आज भारतीय सेना के उसी सबसे सम्मानित अफसर के बारे में कुछ अनसुनी बातें आपको बताएंगे.
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View In Appजल्द ही फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की बायोपिक रिलीज होने जा रही है. उरी में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके एक्टर विकी कौशल सैम का किरदार निभा रहे हैं. फिल्म सैम बहादुर को लेकर काफी चर्चा हैं और इसके ट्रेलर में विकी कौशल की एक्टिंग के जरिए सैम मानेकशॉ के दमदार और रौबदार जीवन की झलक दिख रही है.
1914 में अमृतसर के एक पारसी परिवार में जन्मे सैम का पूरा नाम होरमुजजी फ्रामदी जमशेदजी मानेकशॉ था. वो बचपन के दिनों से ही ना सिर्फ काफी एक्टिव थे बल्कि बेहद जोखिम भरे और बहादुर भी थे. इसी वजह से उनके परिवार में उन्हें सैम बहादुर कहकर पुकारा जाता था.
शानदार व्यक्तित्व, बेहतरीन रणकौशल और बहादुरी की वजह से सैम मानेकशॉ ना सिर्फ भारतीय सेना के अध्यक्ष बने थे. सैम भारतीय सेना के पहले ऐसे जनरल बने जिनका प्रमोशन कर फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी.
सैम मानेकशॉ अपनी हाजिरजवाबी के लिए जाने जाते रहे. वो ना सिर्फ सीधा सवाल करते थे बल्कि सीधा जवाब भी देते थे. उनकी निडरता और बेबाकी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी बिना किसी दबाव और प्रभाव के सीधी और सच बात बोलने में नहीं हिचकते थे.
1971 की जंग से पहले जब इंदिरा गांधी ने उन्हें पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए कहा तो उन्होंने साफ मना कर दिया. उन्होंने बिना हिचके इनकार कर दिया और साफ साफ बताया कि उनकी सेना अभी युद्ध के लिए तैयार नहीं है. इंदिरा गांधी ने भी अपने जनरल के फैसले का सम्मान किया और युद्ध की तैयारी करने का आदेश दिया.
इसके बाद जब वो इंदिरा गांधी से दोबारा मिले तो उन्होंने सैम से पूछा कि क्या आपने तैयारी पूरी कर ली है. तो इस बात पर उन्होंने तपाक से जवाब दिया कि आई एम ऑलवेज रेडी स्वीटी. ये वो दौर था जब लोग इंदिरा गांधी के सामने जाने में भी खौफ खाते थे.
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