Mother India से लेकर Raazi तक, इन फिल्मों ने कराया महिलाओं की ताकत का असल अहसास
लज्जा - फिल्म में रेखा, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोईराला जैसी कई महिला स्टार थीं और फिल्म खासतौर से महिलाओं की समस्याओं पर आधारित थीं जिनसे कोई न कोई महिला हर समय जूझती है.
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View In Appमदर इंडिया - यूं तो फिल्म में सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार जैसे दिग्गज अभिनेता थे लेकिन इस फिल्म में जो छाप नरगिस ने छोड़ी वो भुलाए नहीं भूलती. नरगिस ने एक ऐसी सशक्त घरेलू महिला का किरदार फिल्म में निभाया जिसने कभी हार नहीं मानी. और अकेले दम पर न केवल बच्चों को पाला बल्कि उनके भविष्य को भी संवारने के लिए खूब मेहनत की.
राज़ी - एक हिंदुस्तानी जासूस लड़की जो देश की रक्षा के लिए पाकिस्तान जाने से भी नहीं कतराती. वो पाकिस्तानी लड़के से शादी करती है जो आर्मी ऑफिसर है. वहां जाकर वो जासूसी करती है, हिम्मत दिखाती है, बलिदान देती है. लेकिन आखिर में उसे क्या मिलता है केवल तन्हाई. लेकिन देश के आगे वो इसके लिए भी राज़ी है. फिल्म में एक महिला के हर रूप को बखूबी दर्शाया गया है. राज़ी - एक हिंदुस्तानी जासूस लड़की जो देश की रक्षा के लिए पाकिस्तान जाने से भी नहीं कतराती. वो पाकिस्तानी लड़के से शादी करती है जो आर्मी ऑफिसर है. वहां जाकर वो जासूसी करती है, हिम्मत दिखाती है, बलिदान देती है. लेकिन आखिर में उसे क्या मिलता है केवल तन्हाई. लेकिन देश के आगे वो इसके लिए भी राज़ी है. फिल्म में एक महिला के हर रूप को बखूबी दर्शाया गया है.
नीरजा - रीयल इंसीडेंट पर आधारित ये फिल्म भी महिलाओं की ताकत का अहसास बखूबी कराती है. एक एयर होस्टेस जिसने ऐसा साहस, ऐसी निडरता दिखाई कि जान पर खेल गई. नीरजा भनोट पर आधारित फिल्म जिन्होंने हाईजैक हुए प्लेन के यात्रियों को अपनी जान देकर बचाया.
इंग्लिश विंग्लिश - दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी की ये फिल्म उनकी दूसरी पारी की शुरुआत थी. और ये शुरुआत इतनी शानदार होगी किसी ने नहीं सोचा था. उन्होने फिल्म में एक ऐसी महिला का किरदार निभाया जो सारी जिंदगी अपने बच्चों, घर, पति के लिए समर्पित रही. लेकिन बदले में जो इज्जत उसे मिलनी चाहिए थी वो उसे नहीं मिली. इसका कारण था उसे अंग्रेज़ी न आना. लेकिन किस तरह वो अंग्रेज़ी सीखती हैं और अपने आपको साबित कर देती हैं.
बैंडिट क्वीन - ये फिल्म इसलिए भी खास है क्योंकि ये सत्य घटना पर आधारित है. एक लड़की फूलन देवी कैसे अपने दोषियों से बदला लेने के लिए डाकू बन जाती है. सत्य घटना पर आधारित ये फिल्म संदेश भी देती है कि अगर औरत कुछ कर गुज़रने की ठान ले तो वो किसी भी हद तक जा सकती है.
कहानी - विद्या बालन की ये फिल्म सस्पेंस, थ्रिल से तो भरी ही है लेकिन फिल्म का क्लाइमेक्स लाजवाब है. एक महिला अपने खोए हुए पति को ढूंढने अकेले कलकत्ता आती है और फिर किन परेशानियों का सामना करती है. लेकिन जब क्लाइमेक्स खुलता है तो उस महिला की असल ताकत का अहसास हॉल में बैठे हर शख्स को जरुर हो गया होगा.
दामिनी - इस फिल्म में सनी देओल और ऋषि कपूर जैसे स्टार थे लेकिन सही मायने में फिल्म की नायक और नायिका दोनों ही मीनाक्षी शेषाद्रि थीं. 1993 में रिलीज इस फिल्म ने महिलाओं को अन्याय के खिलाफ खड़े होने और आवाज़ उठाने की प्रेरणा दी थी. भले ही आपके सामने आपका परिवार ही क्यों न हो.
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